भारतीय सशस्त्र सेना ने सरकार को Pok में आतंकी ठिकानों पर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक की वीडियो फुटेज इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है. जिससे सरकार अपना पक्ष मजबूती से सामने रख सकेगी. इस पर आखिरी फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय लेगा.
अंग्रेजी अखबार 'इकोनोमिक टाइम्स' के मुताबिक कई सैन्य अधिकारियों का कहना है कि सेना चाहती है कि भारत सबूतों को साझा करे जिससे उन लोगों को जवाब दिया जा सके जिनका कहना है कि सर्जिकल स्ट्राइक हुई ही नहीं है.
पाकिस्तानी सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक से इनकार किए जाने के दावों के बाद ये सुझाव दिया गया. पाकिस्तान अब तक ये कहता रहा है कि 29 सितंबर की रात किसी तरह की कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुई थी. जिसके बाद भारत में ही आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस नेता संजय निरुपम समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने भी सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े सबूतों की मांग की थी.
कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों का कहना है कि स्ट्राइक की फुटेज साझा की जाए या नहीं ये पाकिस्तान के रवैये पर निर्भर करेगा. सरकार अभी पत्ते खोलने के मूड में कम और इंतजार के मूड में ज्यादा नजर आ रही है. हालांकि फुटेज को साझा किए जाने से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने का अंदेशा भी जताया जा रहा है.