इंडियन आर्मी ने करप्शन का आरोप लगने के बाद अपने एक ऑफिसर के खिलाफ कार्रवाई की है. रिपोर्ट के मुताबिक लेफ्टिनेंट जनरल के खिलाफ सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला सामने आया था. इसके बाद ये कार्रवाई की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, "लेफ्टिनेंट जनरल के खिलाफ इस मामले में कड़ी टिप्पणी की गई, इससे पहले एक कोर्ट ऑफ एन्क्वायरी ने सरकारी फंड से 10 लाख रुपये के सामान निजी इस्तेमाल के लिए खरीदने के आरोपों की जांच की. "
रक्षा सूत्रों ने बताया कि इस अधिकारी को पिछले महीने उस दिन सजा दी गई जब उसकी नौकरी का आखिरी दिन था. रिपोर्ट में कहा गया है कि जब आर्मी मुख्यालय को इस ऑफिसर के खिलाफ शिकायत मिली तो वहां से जांच के आदेश दिए गए. इस ऑर्मी ऑफिसर के खिलाफ आरोप लगाया गया था कि उन्होंने सरकारी फंड से 10 लाख रुपये के सामान निजी इस्तेमाल के लिए खरीदे थे.
ये ऑफिसर सेना में अस्पताल से जुड़े काम देख रहा था. इस पर आरोप था कि उसने एयर कंडीशनर और दूसरे लग्जरी सामान सरकारी फंड से खरीदे. सूत्रों के मुताबिक इस अधिकारी ने बाद में ये सारे सामान वापस कर दिए थे, लेकिन ये उचित तरीके से नहीं किया गया था और न ही इसमें प्रकियाओं का पालन किया गया था.
इस केस की जांच में आर्मी चीफ के प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर शामिल थे. बता दें कि प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर आर्मी मुख्यालय में तैनात सबसे सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल होते हैं जो आर्मी चीफ के रोजाना के कामों में मदद करते हैं.
जब से आर्मी चीफ बिपिन रावत ने अपना पद संभाला है तब से उन्होंने साफ कह दिया है कि वित्तीय अनियमितता और नैतिक दुराचरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.