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खत्म हुआ लंबा इंतजार, 3 दशक बाद भारतीय सेना के बेड़े में शामिल होंगी नई तोपें

भारतीय सेना का लंबा इंतजार खत्म होने जा रहा है और उसे 3 दशक बाद नई तोपें मिलने जा रही हैं. कुछ तोपें भारत आ चुकी हैं तो कई आनी बाकी हैं और बहुत जल्द ही सेना का हिस्सा बन जाएंगी.

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भारतीय सेना में शामिल होंगी नई तोपें (फोटो-मंजीत)
भारतीय सेना में शामिल होंगी नई तोपें (फोटो-मंजीत)

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करीब तीन दशक बाद भारतीय सेना में नई तोपें शामिल होने जा रही हैं. 9 नवंबर को महाराष्ट्र के देवलाली में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत एम-777 और के-9 वज्र तोप को आधिकारिक तौर पर सेना में शामिल करेंगे.

अमेरिका में बनी बेहद कम वजन वाली एम 777 145 होवित्‍जर तोपों के सौदे के बाद कुछ तोपें भारत आ चुकी हैं. अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोपों को भारत में चीन की सीमा के निकट और अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा. वहीं 2019 से लेकर 2021 के जून के बीच हर महीने 5-5 तोपें भारत आएंगी.

साउथ कोरिया भी दे रहा तोप

के-9 वज्र, 155 एमएम/52 कैलिबर की होवित्जर तोप है. इसे साउथ कोरिया तैयार करके 100 की संख्या में भारतीय सेना को दे रहा है. इसीलिए मेक इन इंडिया के तहत एलएनटी कंपनी पार्टनरशिप के तहत 2019 नवंबर तक इसे तैयार करके दे रही है.

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पहली तोप 10 नवंबर 2018 तक आनी है. इसके बाद 40 तोप 2019 के नवंबर महीने तक और उसके बाद 2020 तक भारतीय सेना को मिलेंगी.

भारतीय सेना को इस समय 400 से भी ज्यादा तोपों की जरूरत है. इसमें वो आधुनिक तोपें शामिल हैं जिन्हें भारत-पाकिस्तान और चीन की सरहद पर तैनात किया जाएगा. ये हर मौसम में कारगर तोप हैं जिन्हें अत्यधिक ऊंचाई से लेकर रेगिस्तान या फिर पहाड़ से लेकर बर्फीले पहाड़ों पर तैनात किया जाएगा.

भारतीय सेना के बेड़े में शामिल हो रही सभी तोपें मेक इन इंडिया के तहत तैयार की जा रही हैं. भारतीय सेना को 145 तोपों को मिलने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा गया है.

मई 2018 में धनुष 155/45 कैलिबर वाली तोप का यूजर ट्रायल पोखरण में हो चुका है. आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड को कहा गया है कि वह 114 तोपों को जल्द तैयार करके भारतीय सेना को सुपुर्द करे.

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