साल 2016 में 28 सितंबर को भारत सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था. सेना की इस कार्रवाई से सीमापार बैठे आतंकियों और पाकिस्तानी सेना के होश उड़ गए थे. इससे ठीक दो साल के बाद पीओके से सटी लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर ग्राउंड ज़ीरो से 'आजतक' ने सीमा के हालात की एक्सक्लूसिव ग्राउंड रिपोर्ट की है, यहीं से सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया था.
पुंछ की फॉरवर्ड पोस्ट में सेना की तैयारियों को देखकर साफ़ है कि सर्जिकल स्ट्राइक के दो साल पूरे होने के मौके सीमापार से आतंकी भारतीय सेना के फारवर्ड पोस्ट पर बैट एक्शन और बड़े हमले की ताबड़तोड़ कोशिश कर रहे हैं. जरूरत पड़ने पर भारत की ओर से एक और सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया जा सकता है.
भारतीय सेना सीमा पार से हो रही गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दे रही है. लाइन ऑफ़ कंट्रोल के ठीक सामने पीओके के उस इलाके पर आजतक पहुंचा जहां से पाकिस्तानी सेना की पोस्ट सिर्फ एक किलोमीटर की दूरी पर मौजूद हैं.
घुसपैठ की फिराक में आतंकी
सर्जिकल स्ट्राइक के दो साल बाद भी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में दहशतगर्दी के दर्जनों कैम्प बदस्तूर जारी हैं. सीमापार से गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दिए जाने के बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर बने लॉंचिंग पैड से खूंखार आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं. पीओके के रावलकोट इलाके पर बने लॉन्चिंग पैड से आतंकी भारतीय सेना की पोस्ट को निशाना बनाने के साथ ही घुसपैठ की फिराक में हैं और ऐसे में सेना ने अपनी मुस्तैदी कई गुना बढ़ा दी है.
भारतीय सेना ऊंची पहाड़ियों और दुर्गम इलाके में भी पाकिस्तान पर पूरा दबाव बनाये हुए है. यहां हर ऊंची चोटी पर भारतीय सेना के जवान पाकिस्तानी सेना की चौकियों को निशाना बना रहे हैं. लेकिन पाकिस्तान फिर भी मौका मिलते ही फायरिंग की आड़ में घुसपैठ की कोशिश कर रहा है.
ऐसे में जवान दिन और रात नियंत्रण रेखा पर पूरी मुस्तैदी के साथ निगरानी कर रहे हैं. आजतक सवांददाता मनजीत नेगी और कैमरामैन अनिल जायसवाल ने सेना की एक घातक प्लाटून के साथ सरहद पर लगी फेंसिंग के साथ निगरानी पर निकले. इस मिशन में ख़तरा काफी बड़ा था सामने 500 मीटर से लेकर एक किलोमीटर की रेंज से दुश्मन कभी फायरिंग कर सकता है लेकिन जब साथ में सेना बहादुर जवान हों तो डर कुछ कम हो जाता है.
आधुनिक हथियारों से लैस जवान
दो साल पहले भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स की टुकड़ी ने इस इलाके में रात के वक्त पूरी तैयारी के साथ पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था. सेना ने हमला करने के लिए कुल छह कैंपों का लक्ष्य रखा था. हमले के दौरान इनमें से तीन कैंपों को पूरी तरह तबाह कर दिया. कमांडोज तवोर और एम-4 जैसी राइफलों, ग्रेनेड्स, स्मोक ग्रेनेड्स से लैस थे. साथ ही उनके पास अंडर बैरल ग्रेनेड लॉंचर, रात में देखने के लिए नाइट विजन डिवाइसेज और हेलमेट माउंटेड कैमरे भी थे.
पुंछ सेक्टर के फॉरवर्ड पोस्ट पर सेना की घातक टीम के साथ एक ऐसे ही ऑपरेशन का गवाह आजतक भी बना. घातक टीम तमाम आधुनिक हथियारों और संचार उपकरणों से लैस होकर ऑपरेशन के लिए आगे बढ़ रही थी. कुछ देर बाद इस घातक टीम ने एक जवाबी हमले को अंजाम दिया जैसे कि सर्जीकल स्ट्राइकन के दौरान किया था. पलक झपकते ही कमांडोज ने आतंकियों पर ग्रेनेड से हमला किया. अफरा-तफरी फैलते ही स्मोक ग्रेनेड के साथ ताबड़तोड़ फायरिंग की गई. देखते ही देखते 38 आतंकवादियों को ढेर कर दिया था.
भारतीय सेना के जवान लगातार पीओके से होने वाली हर हरकत पर नजर रखे हैं. एलओसी पर भारतीय सेना का पाकिस्तानी सेना के साथ आमने-सामने का मुकाबला है. पाकिस्तानी पोस्ट के आसपास और गांव में होने वाली हर हरकत पर बारीकी से नजर रखी जा रही है.
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बदले हालात
सरहद पर जवान कई मोर्चों से दुश्मन पर नजर रखते हैं. कुछ जवान बंकर के अन्दर से निगरानी कर रहे हैं तो कुछ जवान ऊंचे पोस्ट से दुश्मन पर नजर रख रहे हैं. हर जवान आधुनिक हथियारों और निगरानी यंत्रों से लैस है. फॉरवर्ड पोस्ट पर तैनात यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर ने हमें बताया कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से हालात में बदलाव आया है. हमें अपने आला अधिकारियों से ग्राउंड पर दुश्मन के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई करने की पूरी छूट है.
रात के वक्त सेना की घातक प्लाटून के जवान पूरी तरह से सजग होकर आगे बढ़ते हैं. पेट्रोलिंग टुकड़ी बड़ी सावधानी के साथ आगे बढ़ती है क्योंकि दुश्मन कभी भी निशाना लगा सकता है. जवानों को कम्पनी कमांडर की हिदायत है कि सरहद पर हालात गर्म हैं. दुश्मन इसका फायदा उठा सकता है. ऐसे में ज्यादा चौकन्ना रहने की जरूरत है.
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आजतक से खास बातचीत में कहा था कि मौजूदा हालात में भारत-पाक सरहद पर एक और सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत है. सर्जिकल स्ट्राइक के दो साल पूरे होने पर पाकिस्तानी सेना के मदद से एलओसी पर आतंकी चाहे जितनी भी कोशिश कर ले वे अपने नापाक मंसूबो में कामयाब नहीं हो पाएंगे.
(कैमरामैन अनिल जायसवाल के साथ)