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मोदी के 'मेक इन इंडिया' को झटका, सेना ने रिजेक्ट की 'असॉल्ट राइफल'

इस असॉल्ट राइफल में कुछ कमियां हैं जैसे कि यह तेजी से झटका देती है. इसके अलावा तेज आवाज़ और चमक भी इसमें एक समस्या है. यह राइफल इशापुर की फैक्ट्री में बने थे.

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संकेतात्मक फोटो
संकेतात्मक फोटो

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार मेक इन इंडिया की बात करते हैं, लेकिन मोदी के इस सपने को एक बार फिर झटका लगा है. इंडियन आर्मी ने देश में बनी असॉल्ट राइफल एक्स-कैलिबर को रिजेक्ट कर दिया है, ऐसा लगातार दूसरे साल है जब सेना ने इसे रिजेक्ट किया है. इस राइफल का उपयोग एके-47 और इसांस की जगह होना था, लेकिन अब सेना इंसास की तरह के ही हथियार मिला सकती है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस असॉल्ट राइफल में कुछ कमियां हैं जैसे कि यह तेजी से झटका देती है. इसके अलावा तेज आवाज़ और चमक भी इसमें एक समस्या है. यह राइफल इशापुर की फैक्ट्री में बने थे.

ये है कमी
पिछले साल भी सेना ने एक्स-कैलिबर नाम की इस स्वदेशी राइफल को रिजेक्ट कर दिया था. खबरों की मानें तो 5.56 एमएम की एक्स-कैलिबर सेना के फायरपावर आवश्यकताओं को पूरा नहीं करती. "एक्स-कैलिबर को फिलहाल इस्तेमाल की जा रही 5.56 एमएम की इंसास राइफल का संभावित विकल्प माना जा रहा है लेकिन परीक्षण के दौरान कई खमियां मिलने से इंतजार और बढ़ गया है."

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आपको बता दें कि इंडियन आर्मी फिलहाल एके 47 और इंसास राइफल का इस्तेमाल कर रही है जिसे 1988 में सेना में शामिल किया गया था. बॉर्डर पर दुश्मनों से निपटने के उच्च मारक क्षमता वाली एक्स कैलिबर को इस साल सेना में शामिल किया जाना था. वैसे भारतीय सेना 70 फीसदी हथियार आयात करती है. केंद्र की मोदी सरकार ने सेना के आधुनिकीकरण पर अगले एक दशक में लगभग 250 अरब डॉलर खर्च करने का लक्ष्य तय किया है.

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