scorecardresearch
 

जीडीपी के आंकड़ों से जेटली चिंतित, कांग्रेस ने PM मोदी को ठहराया जिम्मेदार

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार और बेहतर मानसून से जीडीपी वृद्धि मे आगामी तिमाहियों में मदद मिलेगी. यदि देश को सालाना वृद्धि दर के लक्ष्य को पाना है तो आगामी तिमाहियों में वृद्धि दर बेहतर रहना जरूरी है.

Advertisement
X
वित्तमंत्री अरुण जेटली और पी. चिदंबरम
वित्तमंत्री अरुण जेटली और पी. चिदंबरम

Advertisement

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उम्मीद जताई कि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर अब गिरावट के निचले स्तर को छू चुकी है और ऐसे में चालू वित्त वर्ष (2017-18) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की सात प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल हो जाएगी. दूसरी ओर जीडीपी के 6 फीसदी से नीचे आने पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार और बेहतर मानसून से जीडीपी वृद्धि मे आगामी तिमाहियों में मदद मिलेगी. यदि देश को सालाना वृद्धि दर के लक्ष्य को पाना है तो आगामी तिमाहियों में वृद्धि दर बेहतर रहना जरूरी है.

आर्थिक समीक्षा में 2017-18 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.75 से 7.5 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति हमारे अनुमान से अधिक तेजी से सुधर रही है. सार्वजनिक निवेश निश्चित रूप से ऊंचा रहेगा क्योंकि राजस्व का रुख सकारात्मक है.

Advertisement

जीडीपी के आंकड़ों पर जेटली ने जताई चिंता

पहली तिमाही के जीडीपी के आंकड़ों पर चिंता जताते हुए जेटली ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर अपने निचले स्तर तक पहुंच चुकी है. इसकी वजह माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का क्रियान्वयन है. जीएसटी से पहले स्टॉक निकालने का काम लगभग पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा, जीएसटी के परिचालन में आने के बाद जहां तक विनिर्माण का सवाल है यह अपने निचले स्तर तक पहुंच चुका है. यह इससे नीचे नहीं जाएगा.

सुधरेगी स्थिति, बढ़ेगा निवेश

जेटली ने कहा, 'हम निश्चित रूप से कम वृद्धि को लेकर चिंतित हैं. यह पूछे जाने पर क्या 2017-18 में 7 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की जा सकती है, जेटली ने कहा कि मैं इसकी उम्मीद करता हूं. जीएसटी से पहले स्टॉक निकालने का काम लगभग पूरा हो चुका है. जेटली ने उम्मीद जताई कि सेवा क्षेत्र की स्थिति सुधरेगी और निवेश बढ़ने के भी संकेत हैं.'

कांग्रेस ने PM मोदी को ठहराया जिम्मेदार

कांग्रेस ने देश के आर्थिक विकास में आए धीमेपन को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए गुरुवार कहा कि जीडीपी दर में आई गिरावट की वजह प्रधानमंत्री का नोटबंदी का ‘‘लापरवाह’’ फैसला है. पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में पिछली छह तिमाहियों में जीडीपी विकास दर 9.2 प्रतिशत से गिरकर 5.7 प्रतिशत पर आ गई.

Advertisement

अर्थव्यवस्था की दुर्गति दिखाता है जीडीपी का आंकड़ा

कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने गुरुवार को जीडीपी आंकड़े जारी होने के बाद ट्वीट केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जिस बात का अंदेशा हमें था वहीं सच साबित होता दिख रहा है. 6 प्रतिशत का ग्रोथ अर्थव्यवस्था की दुर्गति को दिखाता है.

चिदंबरम ने कहा कि अर्थव्यवस्था में गिरावट का दौर लगातार जारी है. विकास की धीमी रफ्तार, कम निवेश और कोई रोजगार नहीं. यह एक विध्वंसक कॉकटेल है. कांग्रेस नेता ने कहा कि जीडीपी और जीवीए के आंकड़े उस बात की गवाही देते हैं, जिस 'मोन्यूमेंटल मिसमैनेजमेंट' की ओर डॉक्टर मनमोहन सिंह ने इशारा किया था.

1 प्रतिशत गिरावट यानी 1.5 लाख करोड़ का नुकसानः चिदंबरम

उन्होंने कहा कि जीडीपी में 1 प्रतिशत की गिरावट 1.5 लाख करोड़ का नुकसान है, जबकि 2 प्रतिशत की गिरावट 3 लाख करोड़ का नुकसान है.

कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा, '(अप्रैल-जून) तिमाही के लिए जारी किए गए जीडीपी आंकड़े से इस बात की पुष्टि होती है कि नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री के लापरवाह फैसले और नीति संबंधी चूकों के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में एक बड़ी गिरावट आई.'

उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री के अहं के कारण देश का नुकसान हुआ और वित्त मंत्री क्षतिपूर्ति करने में नाकाम रहे लेकिन प्रधानमंत्री के गलत फैसलों के पैराकर बने रहकर खुश हैं.'

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement