नए साल के पहले दिन केंद्र सरकार पर विपक्ष ने हमला बोलते हुए आर्थिक और विदेश नीतियों समेत तमाम मोर्चों पर फेल होने का आरोप लगाया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार जहां देश में महंगाई, अपराध जैसे मुद्दों पर काबू पाने में नाकाम रही है, वहीं विदेश मामलों में भी नेपाल से बिगड़ते रिश्ते सरकार के फेल होने का सबूत हैं.
चिदंबरम ने कहा कि खाने-पीने की चीजों से लेकर बिजली के दामों में भी इजाफा हुआ है. यही नहीं, देश में अपराध और असहिष्णुता में बढ़ोत्तरी को लेकर भी चिंता बढ़ी है. उन्होंने कहा कि असहिष्णुता और करप्शन के मुद्दों को सुलझाने के लिए सरकार ने विपक्ष को साथ लेने की कोई इच्छा जाहिर नहीं की.
'गलत बिल पास होने से अच्छा है कि लंबित ही रहे'
चिदंबरम ने कहा कि संसद में लटके जीएसटी बिल को लेकर विपक्ष के विचारों पर सरकार कोई ठोस काम नहीं कर सकी, जिसके चलते यह अब तक पास नहीं हुआ. कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों ने जीएसटी के कुछ प्रावधानों पर ऐतराज जताया था, लेकिन सरकार ने इन पर विचार नहीं किया. उन्होंने कहा कि किसी गलत बिल के पास होने से अच्छा है कि वह संसद में लंबित रहे.
'सरकार वादे पूरे नहीं कर पाई'
सरकार पर आर्थिक मोर्चे पर नाकामी का आरोप लगाते हुए चिदंबरम ने कहा कि सरकार राजस्व घाटे के टारगेट को पाने की स्थिति में नहीं है. उन्होने कहा कि एनडीए ने चुनाव के दौरान ज्यादा नौकरियों, एफडीआई में बढ़ोत्तरी और आधारभूत ढांचे में तेज बढ़त का वादा किया था, जो कि पूरा नहीं हुआ.