सोमवार रात पाकिस्तान ने जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद को नजरबंद कर आतंकवाद के खिलाफ अपना पक्ष स्पष्ट करने की कोशिश की. इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्त विकास स्वरूप का कहना है कि पाकिस्तान हाफिज सईद और अन्य की नजरबंदी पहले भी कर चुका है, आतंकी संगठनों पर ठोस कार्रवाई ही उसकी गंभीरता का सबूत होगी.
पाकिस्तान की मीडिया ने जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद की नजरबंदी से भारत-पाक के बीच के तनाव में कमी आने की उम्मीद जताई है. मुंबई हमले के मास्टर माइंड के समर्थकों ने सरकार के इस फैसले को भारत और अमेरिका के दबाव में लिया गया फैसला बताते हुए बड़े शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं.
हटे जमात-उद-दावा के बैनर
सईद को सोमवार को उसके लाहौर स्थित मुख्यालय पर नजरबंद किया गया था. उसे उसके आवास पर स्थानांतरित कर दिया गया और इसके साथ ही पंजाब प्रांत में अधिकारियों ने इसे उप-जेल घोषित कर दिया है. इसके अलावा प्रांतीय अधिकारियों ने लाहौर की सड़कों से जमात-उद-दावा के बैनर हटाने भी शुरू कर दिए हैं.
शुरू हुआ प्रदर्शन
प्रांतीय गृह विभाग के आदेश पर जमात-उद-दावा के दफ्तरों पर पार्टी के झंडों के बजाय राष्ट्रीय झंडे फहराए गए हैं. सईद को उसके घर में ही नजरबंद कर दिए जाने पर उसके समर्थकों ने इस्लामाबाद, लाहौर और कराची जैसे शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए.
पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव कम हो सकता है
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा, हाफिज सईद की नजरबंदी परमाणु क्षमता से संपन्न शत्रुओं पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव कम कर सकती है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा कि वर्ष 2008 का मुंबई हमला पाकिस्तान और भारत को युद्ध के कगार पर ले आया था. उस हमले में 10 बंदूकधारियों ने दो भव्य होटलों, एक यहूदी केंद्र और एक रेलवे स्टेशन पर हमला बोलकर 166 लोगों को मार डाला था. सईद ने हमले में किसी भी भूमिका से इनकार किया और जमात-उद-दावा के संचालन के दौरान खुद को लश्कर-ए-तैयबा से दूर रखा है.
अमेरिका के दबाव में सईद नजरबंद
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की ओर से ये कदम अमेरिका के दबाव में उठाया गया है. डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद ही आतंक को पनाह देने वाले देशों पर प्रतिबंध लगा दिया है. ऐसे में खबर आ रही थी कि अमेरिका पाकिस्तान पर भी प्रतिबंध लगा सकता है.
वीडियो से सामने आई हाफिज की बौखलाहट
नजरबंदी के बाद हाफिज सईद का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वह कह रहा है कि पाकिस्तान सरकार ने बाहरी दबाव में उसे गिरफ्तार किया है. हाफिज ने कहा, "डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच नई-नई दोस्ती हुई है और मोदी के इशारे पर अमेरिकी दबाव में हमें नजरबंद करके रखा गया है."
कहा अमेरिका से कोई दुश्मनी नहीं
हाफिज ने कहा कि उसकी अमेरिका से कोई दुश्मनी नहीं है, वो तो कश्मीर मसले को लेकर संघर्ष कर रहा है और आगे करता रहेगा. उसने कहा कि पाकिस्तान की जनता उसके साथ है और उसने कभी कोई हिंसक कदम नहीं उठाया है, केवल कश्मीर मसले को लेकर भारतीय दबाव में उसे नजरबंद किया गया है.