सरकार द्वारा नेस्ले इंडिया के खिलाफ समूह (क्लास एक्शन सुइट) की ओर से राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) में 640 करोड़ रुपये का दावा दायर करने के एक दिन बाद बुधवार को कंपनी ने इस पर निराशा जताते हुए इसे ‘अप्रत्याशित कदम’ बताया है.
कंपनी ने बयान में कहा, ‘हम एनसीडीआरसी में नेस्ले इंडिया के खिलाफ शिकायत दायर करने के अप्रत्याशित कदम से निराश हैं.’
हाईकोर्ट का फैसला आना बाकी
बयान में यह भी कहा गया है कि मीडिया की रिपोर्ट्स से पता चलता है कि शिकायत में वही आरोप लगाए गए हैं जो 5 जून, 2015 को मैगी नूडल्स पर प्रतिबंध लगाने के दौरान लगाए गए थे. इन मुद्दों पर बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला आना बाकी है.
कंपनी के चेयरमैन पीटर ब्राबेक ने कहा कि मैगी पर बैन लगाकर भारत सरकार ने नेस्ले को करीब 29000 टन मैगी को नष्ट करने के लिए मजबूर किया है.