अगस्टा वेस्टलैंड में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल ने मोदी सरकार और भारतीय जांच एजेंसियों पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. मिशेल ने इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल फॉर लॉ ऑफ द सी को लिखे एक खत में ये आरोप लगाया है कि उस पर गांधी परिवार यानी सोनिया गांधी और राहुल गांधी को फंसाने के लिए दवाब डाला गया. मिशेल का आरोप है कि मोदी सरकार ने उससे सौदेबाजी करने की कोशिश की.
गांधी परिवार को बदनाम करने के लिए दबाव
मिशेल की मानें तो उनसे कई लोगों ने संपर्क किया और इस बात की पेशकश की कि अगर वो गांधी फैमिली को बदनाम कर देता है तो उसके खिलाफ तमाम आरोप वापस ले लिए जाएंगे. मिशेल ने कोर्ट को भेजी वही चिट्ठी आजतक को भी भेजी है. मिशेल के मुताबिक सरकार ने जांच एजेंसियों के जरिये उन पर दबाव डालने की कोशिश की.
इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल को लिखे खत में जिक्र
मिशेल से खत में खुलासा किया है कि मोदी सरकार जांच एजेंसियों के जरिये उन पर दबाव बनाकर गांधी परिवार के खिलाफ बयान लेना चाहती है. इसको लेकर बकायदा मिशेल ने सरकार पर सौदेबाजी करने का भी गंभीर आरोप लगाया है. इस मामले का जिक्र मिशेल ने 23 दिसंबर 2015 को इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल के रजिस्ट्रार को लिखे खत में किया है.
दबाव बनाने के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी
मिशेल के मुताबिक जब उन्होंने दबाव के आगे झुकने से इंकार कर दिया तो बिना किसी समन के उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया और इसके बाद भारतीय अधिकारियों ने इंटरपोल की मदद से मुझसे संपर्क किया. मिशेल का साफ आरोप है कि मोदी सरकार ने अपना राजनीतिक एजेंडा साधने के लिए उनपर गांधी परिवार का नाम लेने के लिए दबाव डाला.
मिशेल ने कहा- गांधी परिवार से कभी नहीं मिले
इससे पहले अगस्ता वेस्टलैंड केस में बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल ने गांधी परिवार के किसी सदस्य से मुलाकात करने के आरोप से इंकार किया था. आज तक से खास बातचीत में मिशेल ने कहा था कि वो कभी भी गांधी परिवार के किसी सदस्य से नहीं मिले. मिशेल ने सरकारी गवाह बनने की संभावना से भी इंकार कर दिया था. उन्होंने पत्रकारों को पैसे देने की खबर का भी खंडन किया और कहा कि उनका काम मीडिया को मॉनिटर और फॉलो करना था.
भारतीय दूतावास को सबूत सौंपने के लिए तैयार
मिशेल ने यह भी दावा किया कि वो अगस्ता वेस्टलैंड डील के बिचौलिए हश्के को कानूनी नोटिस भेज चुके हैं. मिशेल ने कहा है कि वो भारतीय दूतावास को तमाम सबूत सौंपने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि वो भारतीय अदालत के जरिए कानून लड़ाई लड़ेंगे और इसके लिए जल्द ही भारतीय वकील की सेवा लेने पर विचार कर रहे हैं.