scorecardresearch
 

भटकल ने कबूला गुजरात, बैंगलोर और दिल्‍ली में धमाकों का गुनाह, कहा- तबाही का अफसोस नहीं

इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी यासीन भटकल ने पुलिस पूछताछ में अपने गुनाह कबूल करते हुए कहा है कि उसने देशभर में जगह-जगह बम धमाके कराए.

Advertisement
X
यासीन भटकल
यासीन भटकल

इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी यासीन भटकल ने पुलिस पूछताछ में अपने गुनाह कबूल करते हुए कहा है कि उसने देशभर में जगह-जगह बम धमाके कराए.

Advertisement

सूत्रों के हवाले से जो खबर मिली है उसके मुताबिक, भटकल ने यह कबूल किया है कि दिल्‍ली, गुजरात और बैंगलोर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में धमाकों के पीछे उसके ही हाथ है. बोधगया ब्लास्ट में भी यासीन भटकल के हाथ होने से इंकार नहीं किया जा सकता है.

हालांकि भटकल ने अपना गुनाह तो कबूल कर लिया, लेकिन उसका कहना है कि उसे तबाही का अफसोस नहीं है. वो धमाकों के जरिए खौफ का माहौल बनाना चाहता था. एनआईए सूत्रों से खबर यह भी है कि 2009 में यासीन पाकिस्तान में था और आईएसआई से मिला था.

वहीं, आतंक के आका यासीन भटकल को शुक्रवार को दिल्ली लाया जाएगा. मोतिहारी कोर्ट से 3 दिनों की ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद अब पुलिस यासीन भटकल को दिल्ली लेकर आ रही है.

खूंखार आतंकी है भटकल
30 वर्षीय भटकल 2010 के पुणे के जर्मन बेकरी विस्फोट मामले में भी वांछित है जिसमें पांच विदेशियों सहित 17 लोग मारे गए थे और 56 अन्य जख्मी हुए थे.

Advertisement

वह पिछले साल एक अगस्त को पुणे के जंगली महाराज रोड विस्फोट मामले का भी मुख्य षड्यंत्रकर्ता है. विस्फोट में एक व्यक्ति जख्मी हो गया था. भटकल बेंगलूर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में 2010 में हुए विस्फोट और 2006 के मुंबई ट्रेन विस्फोट में भी शामिल रहा. उसका नाम दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर सात सितंबर 2011 को हुए विस्फोट में भी आया है जिसमें 12 लोग मारे गए थे.

कर्नाटक के भटकल का रहने वाला आईएम का सह-संस्थापक दिल्ली सीरियल ब्‍लास्‍ट (2008), अहमदाबाद विस्फोट (2008) और सूरत विस्फोट (2008) में भी शामिल रहा. वह जयपुर विस्फोट (2008), वाराणसी के दशाश्वमेध घाट विस्फोट (2010) और मुंबई में हुए विस्फोट (2011) में भी शामिल था.

भटकल इस साल हैदराबाद के दिलसुखनगर में हुए दोहरे बम विस्फोट मामले में भी संदिग्ध है. उस पर मामला दर्ज करने वाली एनआईए ने उसकी गिरफ्तारी के लिए 10 लाख रुपये के ईनाम की घोषणा की थी. उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था.

छह महीने से पीछा कर रह थीं एजेंसियां
यासीन भटकल को नेपाल में पकड़े जाने से पहले छह महीने तक केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां उसका पीछा कर रही थीं. सरकारी सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों को छह महीने पहले यासीन की आवाजाही के बारे में सूचना मिली थी, तब से वे लगातार उसका पीछा कर रही थीं.

Advertisement

यासीन को बुधवार को नेपाल में उसके एक सहयोगी के साथ पकड़ा गया. उसके बाद उसे भारत नेपाल सीमा पर लाया गया जहां उसे बिहार पुलिस के हवाले कर दिया गया.

आईएम सह संस्थापक को सुरक्षा एजेंसियों ने नेपाल में स्थानीय प्रशासन की मदद से पकड़ा. सूत्रों के अनुसार यासीन अपने आतंकवादी क्रियाकलापों और अपने कुछ संपर्क सूत्रों से मिलने के लिए बांग्लादेश जाने की योजना बना रहा था.

लश्कर-ए-तैयबा के बम विशेषज्ञ अब्दुल करीम टुंडा की 16 अगस्त को गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह दूसरी बड़ी उपलब्धि है.

भारतीय एजेंसियों की बड़ी कामयाबी
भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दशहत की दुनिया के सबसे खतरनाक दानव अहमद सिद्दी बप्पा जरार उर्फ शाहरुख उर्फ यासीन अहमद भटकल को दबोचकर आतंक के मुंह पर एक जोरदार तमाचा मारा है. फिलहाल एक महीने में आतंक के दो बड़े सौदागरों को दबोचकर भारतीय एजेंसियों के हौसले बुलंद हैं और अब यासीन भटकल से इंडियन मुजाहिद्दीन के राज उगलवाने की तैयारी है.

Advertisement
Advertisement