मई के महीने में छत्तीसगढ़ की दरभा घाटी में कांग्रेस नेताओं के काफिले पर नक्सलवादियों के हमले के तरीके को इंडियन मुजाहिदीन भी अपना सकता है. इंडियन मुजाहिदीन के गिरफ्तार किए गए आतंकवादी यासीन भटकल और असदुल्लाह अख्तर ने पूछताछ में यह खुलासा किया.
एक इंग्लिश न्यूजपेपर में छपी खबर के मुताबिक इस खुलासे के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को हाई अलर्ट जारी कर दिया है और उन्हें नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद करने का निर्देश दिया है.
सरकार हिलाने के लिए नेताओं का मरना जरूरी
सूत्रों के मुताबिक इंडियन मुजाहिदीन की रणनीति में बदलाव आया है. आईएम को लगता है कि नागरिकों पर हमले से सरकार संकट में नहीं गिरती है. वह हमले में घायल या मारे गए नागरिकों को मुआवजा देकर बच जाती है. अगर नेताओं पर हमला किया जाएगा, तो सरकार का तंत्र और उसकी विश्वसनीयता पर चोट पहुंचेगी.इंडियन मुजाहिदीन ने तय कर लिया है कि सरकार हिलाने के लिए नेताओं का मरना जरूरी है. इस योजना को अंजाम देने के लिए इंडियन मुजाहिदीन का नेटवर्क माओवादियों की मदद लेने की भी जुगत में है.
चुनावों के मद्देनजर बदली रणनीती आतंकवादियों ने इस साल के अंत में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के चलते पूरे देश में राजनैतिक गतिविधियां तेज होनी तय हैं. इंडियन मुजाहिदीन के नेटवर्क को अपनी साजिश पूरी करने में इससे मदद मिल सकती है. ऐसे में देश के गृह मंत्रालय ने राज्यों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है. इसके मुताबिक राज्यों को कहा गया है कि सुरक्षा एजेंसियों को हर रैली से पहले खास सर्च ऑपरेशन चलाने चाहिए.
इसके अलावा नेताओं के काफिले का रूट भी सुरक्षित किया जाना चाहिए.अलर्ट में राज्यों से आग्रह किया गया है कि बड़ी राजनैतिक सभाओं की वीडियो रेकॉर्डिंग भी की जाए, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को पकड़ा जा सके.