देश की सरहदों की हिफाजत के लिए भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड समंदर में अबतक की सबसे बड़ी एक्सरसाइज कर रही है. नौसेना के डॉर्नियर्स, हेलिकॉप्टर्स, पेट्रोल बोट्स समुद्र में इस तरह की गतिविधियां कर रहे हैं जैसे वाकई में दुश्मनों को नेस्तनाबूद किया जा रहा हो. दरअसल यह युद्ध नहीं बल्कि युद्ध जैसे खतरे से निपटने की तैयारी है.
मुंबई हमले के 10 साल बाद इस कवायद का मकसद देश की समुद्री सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित कराना है. मंगलवार (22 जनवरी) को शुरू हुई इस एक्सरसाइज का नाम नेवी ने सी विजिल दिया है.
7516 लंबी सीमा पर नौसेना का 'युद्ध'
इंडियन नेवी के मुताबिक नौसेना के इतिहास में यह अबतक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास है. इसके तहत नौसेना देश की कुल 7516 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा के पास युद्ध अभ्यास कर रही है. इस अभ्यास के दायरे में भारत के सभी 13 तटीय राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश आ रहे हैं.
#IndianNavy commences the largest coastal Defence exercise off the Indian Coast. Code named Ex Sea Vigil, it covers the entire coastline of 7516.6 kms & Exclusive Economic Zone of India @SpokespersonMoD @DefenceMinIndia @IndiaCoastGuard pic.twitter.com/p67fYsj4Cr
— SpokespersonNavy (@indiannavy) January 22, 2019
नौसेना ने कहा कि ये अभ्यास जितनी बड़ी भौगोलिक सीमा में हो रहा है, जितने संसाधन इस्तेमाल किए जा रहे हैं, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है. सी विजिल युद्ध अभ्यास में रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, शिपिंग, पेट्रोलियम और प्राकृतिक, मत्स्य, कस्टम, राज्य सरकारें और दूसरी एजेंसियां शामिल हैं.
26/11 के बाद क्या बदला?
बता दें कि 26/11 की घटना के बाद देश के समुद्री तटों की सुरक्षा का जिम्मा इंडियन नेवी और इंडियन कोस्टगार्ड को सौंप दिया गया था. इसी सिलसिले में इंडियन नेवी ने ये वृहद युद्ध अभ्यास की रुपरेखा तैयार की है. सी विजिल एक्सरसाइज के जरिए ये आकलन किया जाएगा कि पिछले 10 सालों में सुरक्षा के उपाय कितने कारगर हुए हैं. इस कवायद के दौरान देश की समुद्री तटों की सुरक्षा जायजा तो लिया ही जाएगा, साथ ही समंदर के बीच में नौसेना की युद्ध क्षमता का जायजा लिया जाएगा, ताकि पता चल सके कि युद्ध जैसे हालात के लिए सेना की क्या तैयारियां हैं.
नौसेना के इस अभ्यास के दौरान दो एजेंसियों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान, टेक्निकल सर्विलांस , खुफिया सूचनाओं की जानकारी, उस पर अमल जैसे बिन्दुओं पर काम कर रही है. नौसेना इस दौरान अपने कामकाज का आकलन करेगी, साथ ही सामने आई कमियों को भविष्य में दूर करने, उन्हें स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) में शामिल करने पर भी विचार करेगी.
नौसेना की ताकत और कमजोरियों का सटीक अंदाजा
नेवी ने एक बयान में कहा कि सी विजिल एक्सरसाइज से उसे अपनी ताकत और कमजोरियों का सटीक अंदाजा मिलेगा. इस जानकारी के आधार पर नौसेना आगे की रणनीतिक तैयारी कर सकती है. 22 जनवरी को शुरू हुआ नौसेना का ये युद्धाभ्यास 23 जनवरी तक चलेगा. इस दौरान देश की पूर्वी समुद्री सीमा और पश्चिमी समुद्री सीमा पर नौसेना को युद्ध जैसे चुनौती भरे माहौल में अपनी ताकत आजमाएगी.
नौसेना के अफसरों के मुताबिक सी विजिल के बाद नौसेना एक और मेगा एक्सरसाइज करने वाली है. उस युद्धाभ्यास का नाम होगा ट्रोपेक्स (Theatre level Readiness Operational Exercise). सी विजिल और ट्रोपेक्स समुद्री सुरक्षा के तमाम आयाम को कवर करेगा. इसके तहत ये देखा जाएगा अगर युद्ध जैसे हालात बनते हैं तो सेना शांति की अवस्था से युद्ध की अवस्था में कैसे ट्रांजिशन करती है.