भारतीय नौसेना के विमान इल्युशिन 38 सी ड्रैगन (IL 38 SD) ने बुधवार को कामयाबी से एंटी-शिप मिसाइल दागी. नए अपग्रेड्स के बाद ये विमान का पहला इस तरह का परीक्षण था.
महफूज है समुद्री सीमाएं
नौसेना के मुताबिक विमान ने परीक्षण के जरिये दुश्मन युद्धक जहाजों के खिलाफ मारक क्षमता कामयाबी से साबित की है. इससे एक बार फिर फिर साबित हुआ है कि भारतीय नौसेना भारतीय उप-महाद्वीप की समुद्री सीमाओं की दूर तक हिफाजत करने में सक्षम है.
प्रक्षेपण अरब सागर में वायुसेना और नौसेना के साझा युद्धाभ्यास का हिस्सा था. एनुअल थिएटर लेवल रेडिनेस एंड ऑपरेशनल एक्सरसाइज यानी ट्रॉपेक्स-17 नाम के इस अभ्यास का मकसद दुश्मन देशों से समुद्री सीमा की हिफाजत की रणनीति को परखना है.
विमान में क्या खास?
IL 38 SD विमान इल्युशिन IL-18 मालवाहक विमान का उन्नत वर्जन है. इसका इस्तेमाल सर्वेलांस, खोजी और बचाव अभियानों के अलावा पनडुब्बियों और जहाजों को मार गिराने में भी किया जा सकता है. भारत के अलावा रूस की नौसेना भी इस विमान का इस्तेमाल कर रही है. नेवी ने साल 2001 में ऐसे पांच विमानों के अपग्रेड का ठेका दिया था. साल 2010 में रूस ने आखिरी अपग्रेडेड IL-38 विमान की डिलवरी भारत को दी थी. अपग्रेड के बाद इन विमानों की उम्र करीब 15 साल बढ़ गई है. फिलहाल इन विमानों को नौसेना की पश्चिमी कमान के तहत गोवा में रखा गया है.