उरी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान नहीं जाएंगे.
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा हालात में भारत सार्क सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा.
सार्क सम्मेलन नवंबर में पाकिस्तान के इस्लामाबाद में होना है. सूत्रों के अनुसार अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान भी सार्क समिट में हिस्सा नहीं लेंगे. भारत ने वर्तमान में सार्क की अध्यक्षता कर रहे नेपाल से कहा कि एक देश ने ऐसा माहौल बना दिया है जो शिखर सम्मेलन के लिए हितकारी नहीं है.
विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया कि क्षेत्रीय सहयोग और आतंक एक साथ नहीं चल सकते.
Regional cooperation and terror don't go together. India pulls out of SAARC Summit in Islamabad pic.twitter.com/jabKoaBegJ
— Vikas Swarup (@MEAIndia) September 27, 2016
1985 के बाद पहली बार ऐसा मौका
ये पहली बार होगा कि भारत सार्क सम्मेलन का बहिष्कार करेगा. सार्क सम्मेलन 9-10 नवबंर को इस्लामाबाद में होगा. 1985 के बाद ये पहला मौका होगा जब भारत ने ना सिर्फ सार्क सम्मेलन का बायकॉट किया, बल्कि सार्क के सदस्य देशों ने पाकिस्तान पर आंतक को पनाह देने का आरोप लगाते हुए सार्क सम्मेलन में ना जाने का फैसला किया है.
PAK ने कहा दुर्भाग्यपूर्ण
पाकिस्तान ने सार्क शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेने के भारत के निर्णय को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया. पाकिस्तानी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने भारतीय प्रवक्ता के उस ट्वीट का संज्ञान लिया है, जिसमें भारत ने यहां आयोजित होने वाले 19वें दक्षेस शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेने की घोषणा की है.
प्रवक्ता ने देर रात जारी बयान में कहा, ‘हमें इस संदर्भ में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है, लेकिन भारत की घोषणा दुर्भाग्यपूर्ण है.’