रेलवे ने टिकट दलालों पर नकेल कसने के लिए रिफंड के नियमों में बदलाव किया है, लेकिन इससे यात्रियों की परेशानी भी बढ़ सकती है. नए नियम के मुताबिक, ट्रेन छूटने की स्थिति में अब यात्री को रिफंड के लिए तीन दिन के भीतर ही अपना टिकट लौटाना होगा. ऐसा करने पर ही उन्हें टिकट के आधे पैसे वापस मिलेंगे. जबकि तीन दिन के बाद रेलवे ऐसे किसी भी टिकट पर विचार नहीं करेगा.
गौरतलब है कि अभी तक ट्रेन छूटने की स्थिति में यात्री 30 दिनों तक टिकट वापसी कर सकते थे, जिसके बाद रेलवे उन्हें आधे पैसे वापस करता रहा है. रेल विभाग का कहना है कि टिकट वापसी की मियाद इसलिए घटाई गई है कि टिकट दलाल इसका फायदा उठाते थे. रायपुर के आरक्षण अफसरों से मिली जानकारी के मुताबिक कैंसिलेशन के लिए सिर्फ तीन दिन की मियाद का नियम लागू कर दिया गया है. कैंसिलेशन के लिए ट्रेन छूटने के बाद यात्रियों को टिकट डिपॉजिट रिसीप्ट या टीडीआर भरनी होती है. इसमें ट्रेन छूटने को लेकर कारण भी स्पष्ट करना होता है. इसके बाद स्टेशन मैनेजर की अनुमति के बाद टिकट कैंसिल होता है और आधे पैसे लौटाए जाते हैं.
रिपोर्ट के आधार पर बदला गया नियम
बताया जाता है कि सीवीसी ने हाल ही रेलवे को रिपोर्ट दी थी कि टीडीआर भरने की अवधि एक माह होने से टिकट दलाल इसका नाजायज फायदा उठा रहे हैं. टिकट नहीं बिकने की स्थिति में दलाल टीडीआर का सहारा लेते हैं. इससे रेलवे को देशभर में बड़ा नुकसान हो रहा है.
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{mospagebreak}दो घंटे में वापस किया तो पूरा रिफंड
रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए अब ट्रेन छूटने की स्थिति में दो घंटे के भीतर टिकट वापसी पर पूरी रकम लौटाने की तैयारी में है. जबकि अभी इसके आधे पैसे ही मिलते हैं. हालांकि इस बाबत फिलहाल कोई पत्र जारी नहीं किया गया है, लेकिन बोर्ड ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए भी यात्री को स्टेशन मैनेजर से टीडीआर फॉर्म लेकर भरना होगा, जिस पर स्टेशन मास्टर के अप्रूवल के बाद उसी समय टिकट आरक्षण काउंटर से पैसा वापस हो जाएगा. ऐसी स्थिति में सिर्फ रेलवे आरक्षण शुल्क ही काटा जाएगा.
वेटिंग है टिकट तो नहीं होगा लागू
टीडीआर के जरिए सिर्फ कंफर्म टिकट ही रिफंड की श्रेणी में आते हैं. यानी अगर आपके वापस वेटिंग टिकट है और ट्रेन छूट गई है तो टिकट वापसी पर रिफंड नहीं मिलेगा. हालांकि स्टेशन पर ट्रेन आने के 48 घंटे पहले तक यात्री अपना टिकट कैंसिल करवा सकते हैं. इसमें भी श्रेणी के हिसाब से सिर्फ आरक्षण शुल्क ही काटा जाएगा. इससे इतर 48 से छह घंटे की अवधि में 25 और दो घंटे पहले यह 50 फीसदी तक की रकम काट ली जाएगी.