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इंडिया टुडे इम्पैक्ट: अफसरों पर एक्शन लेंगे प्रभु, रेलवे ने दी सफाई

'आज तक' वेबसाइट ने 17 अप्रैल को ‘भारतीय ट्रेन ने लेट होने में तोड़े सारे रिकॉर्ड’ शीर्षक से खबर प्रकाशि‍त की थी जो सहयोगी मैगजीन 'इंडिया टुडे' में छपी थी. इस खबर में रेलवे में चल रही लेटततीफी का खुलासा किया गया था. खबर में ट्रेनसुविधा.कॉम वेबसाइट पर जनवरी से मार्च तक के महीने में पिछले चार साल में लेट होने वाली ट्रेनों की तुलना की थी.

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भारतीय रेल
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भारतीय ट्रेनों के लेट होने से जुड़ी 'इंडिया टुडे' की खबर का बड़ा असर हुआ है. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्रेनों की लेटलतीफी पर अफसरों के खि‍लाफ एक्शन लेने की बात कही है. रेल मंत्री ने कहा है कि ट्रेनों का समयबद्ध संचालन सुनिश्चित करने में नाकाम रहने वाले अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. प्रभु ने नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम की खामियां दूर करने के निर्देश भी दिए हैं.

'आज तक' वेबसाइट ने 17 अप्रैल को ‘भारतीय ट्रेन ने लेट होने में तोड़े सारे रिकॉर्ड’ शीर्षक से खबर प्रकाशि‍त की थी जो सहयोगी मैगजीन 'इंडिया टुडे' में छपी थी. इस खबर में रेलवे में चल रही लेटततीफी का खुलासा किया गया था. खबर में ट्रेनसुविधा.कॉम वेबसाइट पर जनवरी से मार्च तक के महीने में पिछले चार साल में लेट होने वाली ट्रेनों की तुलना की थी.

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इसमें एक तथ्य यह भी निकलकर आया था कि 2017 की इसी अवधि में 2016 की इसी अवधि की तुलना में 15 घंटे से अधिक लेट होने वाली ट्रेनों की संख्या में 800 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. 'इंडिया टुडे' ने रेलवे प्रवक्ता का पक्ष भी डाला था, जिसमें कहा गया था कि आंकड़ों की जांच की जा रही है.

'आज तक' की वेबसाइट पर यह खबर छपने के अगले दिन तमाम अखबारों में रेल मंत्री की चेतावनी वाली खबर प्रकाशित हुई. सुरेश प्रभु ने अधिकारियों से कहा है कि उन्हें न केवल अपने मातहतों के कार्य प्रदर्शन की पड़ताल करनी है, बल्कि यह भी देखना है कि ट्रैक और उपकरणों की विफलता पर अंकुश लग रहा है या नहीं.

15 घंटे से ज्यादा लेट होने वाली ट्रेनों में 800 फीसदी की वृद्धि

खबर प्रकाशित होने के बाद रेलवे बोर्ड के महानिदेशक जनसंपर्क अनिल कुमार सक्सेना ने रेलवे की ओर से आज तक वेबसाइट को अपनी सफाई भेजी है. रेलवे के स्पष्टीकरण में कहा गया है कि ट्रेनों के लेट होने का डाटा बहुत विस्तृत है और इसकी जांच होने में अभी समय लगेगा. रेलवे ने यह भी आग्रह किया है कि सिर्फ तीन महीने के आंकड़ों की तुलना करने के बजाय पूरे साल के आंकड़ों की तुलना की जाए. रेलवे ने यह भी कहा कि इस साल नवंबर से मार्च के दौरान पिछले साल की तुलना में ज्यादा समय तक कोहरा पड़ा इसलिए गाड़ि‍यां लेट हुईं. रेलवे का कहना है कि समयबद्धता के मामले में उसका प्रदर्शन थोड़ा खराब हुआ है. रेलवे के मुताबिक 2015-16 में समयबद्धता 77.51 फीसदी थी जो 2016-17 में 76.17 फीसदी रह गई.

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महत्वपूर्ण बात यह है कि रेलवे ने आज तक वेब पर प्रकाशित समाचार के किसी अंश पर तथ्यात्मक रूप से शंका जाहिर नहीं की है. आज तक की वेबसाइट पर जो भी तथ्य सामने रखे गए, वे पूरी जिम्मेदारी से रखे गए हैं.

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