रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को कहा कि भारतीय रेलवे जल्द ही अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा के पास स्टेशन बनाएगा. इससे पहले चीन ने माउंट एवरेस्ट के नीचे एक सुरंग के सहारे नेपाल तक रेल संपर्क पहुंचाने की योजना का खुलासा किया था.
पर्रिकर के मुताबिक, 'इस बारे में सहमति पत्र (एमओयू) का मसौदा तैयार है और जल्द ही इस पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.' उन्होंने कहा कि इस परियोजना के बारे में रेल मंत्री सुरेश प्रभु को विस्तृत जानकारी दे दी गई है. पर्रिकर ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के संदर्भ में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद में कमी आई है.
यह घोषणा इसलिए महत्व रखती है, क्योंकि चीन के विदेश विभाग ने इस सप्ताह कहा है कि अरुणाचल प्रदेश को लेकर बड़ा विवाद एक निर्विवाद तथ्य है. अतीत में अरुणाचल प्रदेश को लेकर भारत के किसी भी कदम पर चीन आपत्ति जता चुका है. उसने अरुणाचल प्रदेश में नेताओं के उच्चस्तरीय दौरे और परियोजनाओं पर भी आपत्ति जताई थी.
सरकारी समाचार पत्र चाइना डेली ने इस सप्ताह खबर दी थी कि चीन माउंट एवरेस्ट के नीचे एक सुरंग के सहारे नेपाल तक रेल संपर्क पहुंचाने की योजना बना रहा है. चीन की योजना किंगाई-ल्हासा रेलवे लाइन को बढ़ाकर नेपाल की राजधानी काठमांडू तक करने की है. प्रस्तावित 540 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के कोमोलंगामा से सुरंग के जरिए गुजरने की संभावना है. कोमोलंगामा तिब्बत में माउंट एवरेस्ट का हिस्सा है.
इनपुट भाषा से