तिब्बत तक रेलवे लाइन पहुंचाकर चीन ने अपनी सामरिक बढ़त हासिल की, उसी के जवाब में भारत सरकार अब चीन से जुड़ते अरुणाचल प्रदेश के तवांग तक रेल लाइन बिछाने जा रही है और इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय और रेल मंत्रालय 1 अप्रैल 2017 को अरुणाचल प्रदेश में बड़ी बैठक कर रहा है. इस बैठक में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू, केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के साथ गृह मंत्रालय और रेल मंत्रालय के अधिकारी शामिल होंगे.
अरुणाचल के सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों तक रेल सेवा पहुंचाने से मकसद से अब उत्तर-पूर्व सीमांत रेलवे (NFR) ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग तक रेल सेवा पहुंचाने की योजना बनाई है. तवांग समुद्रतल से 10 हजार फुट की ऊंचाई पर बसा हुआ है. यह चीन से सटी भारतीय सीमा के पास है. जानकारी के मुताबिक इस प्रॉजेक्ट के लिए सर्वे का काम 2018 में शुरू कर दिया जाएगा.
सीमा से लगे इलाकों में चीन लंबे समय से सड़क, हाइवे और रेल सेवा जैसी बुनियादी सुविधाएं मजबूत करने में लगा है. भारत को भी अपने सीमांत प्रदेशों में सामरिक चुनौतियों के मद्देनजर सड़क, हवाई पट्टी और अन्य जरूरी ढांचा विकसित करने की जरूरत है.
भारतीय रेलवे और गृह मंत्रालय अरुणाचल प्रदेश में नागरिक सेवाओं के साथ-साथ सामरिक कारणों से भी ऐसे दूर-दराज के सीमांत इलाकों को रेल संपर्क के जरिए देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने की योजना पर अमल कर रहा है. चीन की तैयारियों के मुकाबले भारत अभी काफी पीछे है, लेकिन अच्छी बात यह है कि पिछले कुछ समय से भारत सरकार लगातार बॉर्डर इलाकों में बुनियादी ढांचा विकसित करने का अपना एजेंडा पूरा कर रही है.