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चलती ट्रेन का टूटा पहिया, ड्राइवर की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा

भारतीय रेलवे कई घटनाओं को लेकर चर्चा में रहता है, लेकिन ताजा मामला ऐसा है जिसके बारे में आप शायद ही कभी सुने हों. जिस पहिए के सहारे ट्रेन के डिब्बे लाखों यात्रियों को उनके मंजिल तक पहुंचाते हैं, अगर वहीं टूट जाए तो क्या होगा.

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टूटा पहिया
टूटा पहिया

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जिस पहिए के सहारे ट्रेन के डिब्बे लाखों यात्रियों को उनके मंजिल तक पहुंचाते हैं, अगर वहीं टूट जाए तो क्या होगा. जी हां ऐसा ही मामला गोरखपुर-यशवंतपुर एक्सप्रेस के साथ हुआ है, जब महाराष्ट्र के नागपुर के पास ट्रेन के एक डिब्बे का पहिया दो टुकड़ों में टूट गया. हालांकि ड्राइवर की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा होने से टल गया. हालांकि, घटना में एक यात्री घायल हो गया. 

रेलवे ने पूरी घटना के उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं. रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर(प्रेस और इंफॉर्मेशन) ने कहा,' पहिए में खामी के ऐसे मामले बहुत कम ही होते हैं. ये मामला गहन जांच का है और सामग्री के प्रयोगशाला परीक्षण का आदेश दिया गया है. 

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'जैसे ही पहियों से कुछ अनजान आवाज आनी शुरू हुई तुरंत ट्रेन को रुकवाया गया. हालांकि ट्रेन रुकने से पहले कुछ किमी का सफर तय कर चुकी थी. सूत्रों ने कहा,'विशेषज्ञ टूटे पहियों की जांच करेंगे. पहिए कहीं ज्यादा इस्तेमाल के कारण तो नहीं टूटे या पहिए बनाने वाली साम्रगी में कुछ खामियां थीं.' 

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पहियों का अभी एलएचबी डिब्बों में होता है जिसको यूरोप से मंगाया जाता है और पैसेंजर ट्रेन में इस्तेमाल करने से पहले उसका परीक्षण होता है. रेलवे मंत्रालय के अधिकारी ने आगे ऐसी घटनाओं से इनकार कर दिया. हालांकि उन्होंने कहा,' आगे की जांच के लिए सैंपल लिया जाएगा. 

शताब्दी, राजधानी और दुरंतो जैसी हाईस्पीड ट्रेन के पहिए यूरोप से मंगाए जाते हैं, जिनकी स्पीड 160 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है. रेलवे के एक टेक्निकल स्टॉफ मेंबर ने कहा, 'नए विकसित एलएचबी पहियों में एक बड़ा व्यास होता है जो क्षेत्र को कवर करता है और गति स्वचालित रूप से बढ़ जाती है. एक मानक प्रक्रिया के रूप में, पूरे भारत में विभिन्न रेलवे पटरियों पर पहियों की जांच की जाती है. कई बार कई जगहों पर ट्रैक ढीले होते हैं, वहीं कुछ पर चौड़े होते हैं.

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