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डोकलाम में चीन से 9 गुना मजबूत स्थिति में भारत, दबाव बनाने के लिए झूठ बोल रहा ड्रैगन

सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि यह अभ्यास चीन की तरफ से नियमित अभ्यास का हिस्सा था और इसके वेस्टर्न थियेटर कमान ने गतिरोध को देखते हुए सेना की तैनाती में ऐसी बड़ी बढ़ोतरी नहीं की है जिससे कि भारत को खतरा महसूस हो.

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माइंडगेम खेल रहा चीन
माइंडगेम खेल रहा चीन

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सिक्किम क्षेत्र के डोकलाम में भारत के साथ सैन्य तनातनी के बीच चीन दबाव बनाने के लिए मनोवैज्ञानिक गेम खेल रहा है. इसके लिए चीन सैन्य अभ्यास के पुराने वीडियो जारी कर रहा है, तो मीडिया के जरिए भी गेम प्लान कर रहा है. हालांकि स्थिति ये है कि भारत-चीन सीमा के नजदीक सैनिकों की तैनाती में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है और तिब्बत क्षेत्र में हाल में इसके सैन्य अभ्यास को दोनों देशों की सेनाओं के बीच डोकलाम क्षेत्र में वर्तमान गतिरोध से जोड़कर नहीं देखना चाहिए.

पढ़िए भारत पर दबाव बनाने के लिए चीन के 5 झूठ -

1. तिब्बत में चीन का अभ्यास

सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि यह अभ्यास चीन की तरफ से नियमित अभ्यास का हिस्सा था और इसके वेस्टर्न थियेटर कमान ने गतिरोध को देखते हुए सेना की तैनाती में ऐसी बड़ी बढ़ोतरी नहीं की है जिससे कि भारत को खतरा महसूस हो. यह कमान भारत के साथ लगती 3488 किलोमीटर सीमा की रक्षा करता है. तिब्बत में चीन की ओर से किए गए मिलिट्री एक्सरसाइज का मामला दो महीने पुराना है और यह जून में किया गया था. भारत पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए चीन ने अब वीडियो जारी किया है.

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2. हजारों टन साजो सामान तिब्बत भेजा

चीन की सेना के आधिकारिक मुखपत्र में छपी खबर के परिप्रेक्ष्य में सरकार के सूत्रों का यह बयान आया है. मुखपत्र में छपा था कि सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में भारतीय सैनिकों के साथ गतिरोध के बाद चीन की सेना ने हजारों टन सैन्य साजो सामान तिब्बत के दूरवर्ती पहाड़ी क्षेत्र में भेजा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि साजो सामान पिछले महीने भेजा गया था लेकिन स्पष्ट नहीं किया कि सैन्य साजो सामान तिब्बत में अभ्यास के लिए ले जाया गया था या किसी और कारण से.

3. सैन्य अभ्यास को बढ़ा चढ़ाकर पेश करना

इस इलाके में भारत की सेना द्वारा चीन की सेना को सड़क बनाने से रोकने के बाद एक महीने से ज्यादा समय से यहां गतिरोध बना हुआ है. तिब्बत के पहाड़ी इलाकों में हाल में चीन की सेना के अभ्यास को सरकार के सूत्रों ने नियमित अभ्यास बताया और कहा कि सीमा पर तनाव से इसे जोड़कर बताना बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई रिपोर्ट है. चीन की सेना ने मंगलवार को कहा था कि इसने पठार में अपनी मारक क्षमता को परखने के लिए अभ्यास किया था. स्थिति पर नजर रख रही एजेंसियों का कहना है कि पिछले दो महीने में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर पिछले दो महीने में चीन की कोई असामान्य गतिविधियां देखने को नहीं मिली हैं. इसका मतलब ये है कि चीन मीडिया के जरिए भारत पर दबाव बनाने का मनोवैज्ञानिक गेम खेल रहा है.

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4. 3488 किमी लंबी सीमा पर 50 हजार सैनिक

भारत चीन सीमा पर ड्रैगन ने 15-16 डिवीजन को तैनात किया है. इसका मतलब लगभग 50 हजार सैनिक 3488 किमी लंबी सीमा पर तैनात हैं. हालांकि चीन ऐसा पहले भी कर चुका है. तिब्बत में चीन के 5 ऑपरेशनल एयर फील्ड्स हैं, लेकिन वह अन्य 4-5 लैंडिंग स्ट्रिप शुरू नहीं कर सकता, क्योंकि इनके लिए ऑपरेशनल क्षमता की कमी है. शिनजियांग में जो कि उत्तरी जम्मू कश्मीर का विपरीत इलाका है, चीन 4-5 डिवीजन की तैनाती की है. चीन का पश्चिमी कमांड कुछ खास नहीं कर सकता, क्योंकि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हमारे 12-13 डिवीजन तैनात हैं. स्थिति इतनी खराब नहीं है, जैसा कि चीन दिखाना चाह रहा है. यह केवल भारत पर दबाव बनाने के लिए है.

5. डोकलाम में चीन से 9 गुना मजबूत है भारत

अगर डोकलाम इलाके में युद्ध की स्थिति बनती है, तो चीन को यह महंगा पड़ेगा. यहां भारत के एक सैनिक के मुकाबले चीन को 9 सैनिक खड़े करने होंगे. डोकलाम में भारत की स्थिति बेहद मजबूत है. जहां तक जवानों की संख्या की बात है, तो भारत के पास इस इलाके में चीन से ज्यादा सैनिक हैं. 2009 से ही चीन लगातार तिब्बत में मिलिट्री अभ्यास करता रहा है, ताकि इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया जा सके. इसके साथ ही भारत सांगपो इलाके में भी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. सांगपो इलाका अरुणाचल प्रदेश में माउंट कैलाश के विपरीत पड़ता है, जो ब्रह्मपुत्र नदी से लगा हुआ है. चीन ने यहां 11 पुल बना रखे हैं. भारत के लिए यहां 250 किलोमीटर लंबी सीमा पर सुरक्षा स्थितियां चिंता की वजह हैं. हालांकि इस इलाके में चीन ने किसी तरह की कोई हरकत नहीं की है.

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