मुम्बई हमलों में संलिप्तता का गुनाह कुबूल कर चुके पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के दल द्वारा करीब एक हफ्ते तक की गई पूछताछ में सभी सवालों का जवाब दिया और इस दौरान भारतीय जांचकर्ताओं के सवाल पूछने पर कोई रोकटोक नहीं थी.
अमेरिका के न्याय मंत्रालय ने यह दावा किया. मंत्रालय के बयान के मुताबिक ‘‘भारतीय जांचकर्ताओं द्वारा पूछताछ किए जाने के मुद्दे पर हेडली और उसके वकील ने रजामंदी दी थी तथा हेडली ने सात दिन तक हुई पूछताछ के दौरान सभी सवालों के जवाब दिये. भारतीय जांचकर्ताओं के सवाल पूछने पर किसी तरह की बंदिश नहीं लगाई गई.’’
लोकनाथ बहेरा की अगुवाई में एनआईए के चार सदस्यीय दल ने हेडली से मुम्बई हमलों में उसकी भूमिका, समूचे षड्यंत्र और हमलों में शामिल सभी लोगों के बारे में प्रत्यक्ष पूछताछ की.{mospagebreak}
अमेरिका में तैनात भारतीय राजदूत मीरा शंकर ने बताया कि जांचकर्ता दल ने हेडली से पूछताछ पूरी कर ली है और वह स्वदेश रवाना हो गया है.
अमेरिकी न्याय मंत्रालय के मुताबिक ‘‘अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से मुकाबले के लिये भारत और अमेरिका के बीच सहयोग और सहभागिता के तहत भारतीय अधिकारियों को डेविड हेडली से प्रत्यक्ष पूछताछ करने का मौका दिया गया.’’
बयान के मुताबिक भारत और अमेरिका द्वारा की गई मामले की जांच की गोपनीयता बनाए रखने के लिये दोनों देश हेडली से पूछताछ में सामने आई बातों को सार्वजनिक नहीं करने पर राजी हुए हैं.
हेडली ने गत 18 मार्च को अमेरिकी जांचकर्ताओं के सामने मुम्बई हमलों की साजिश में अपनी संलिप्तता और डेनमार्क के एक अखबार के दफ्तर पर हमले का षड्यंत्र रचने का जुर्म कुबूल किया था. उसने ऐसा वादामाफी गवाही के तहत किया. इससे उसने खुद को मौत की सजा और भारत में प्रत्यर्पण से बचा लिया है.
अमेरिकी प्रशासन के साथ हुए समझौते के तहत हेडली को विदेशी जांचकर्ताओं के साथ सहयोग करना होगा और वे उससे अमेरिका में पूछताछ कर सकेंगे. भारत ने 26 नवम्बर, 2008 को मुम्बई में हुए आतंकवादी हमलों की जांच के सिलसिले में अमेरिका से 49 वर्षीय हेडली से पूछताछ का मौका देने का आग्रह किया.