बनारस की रहने वाली दो लड़कियों ने एक एंटी रेप जींस तैयार की है. यह एक ऐसी जींस है जो रेप अटैक होने पर स्थानीय पुलिस को सिग्नल भेज देगी और उस सिग्नल की मदद से पुलिस पीड़ित लड़की की लोकेशन का पता लगाकर उसकी मदद कर पाएगी.
इस जींस को बनाने वाली 21 साल की दीक्षा पाठक और 23 वर्षीय अंजलि श्रीवास्तव का कहना है कि उन्होंने जींस में एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगा दिया है, जिसकी फ्रिक्वेंसी काफी तेज है. इसके सर्किट में मामूली मोबाइल चिप का इस्तेमाल किया गया है. इसमें इमरजेंसी नंबर सेट किया जा सकता है. डिवाइस को दबाने पर नजदीकी पुलिस स्टेशन को कॉल चली जाएगी. जब तक कॉल रिसीव नहीं होगी, तब तक वाइब्रेशन होता रहेगा.
रेपिस्टों से बचाएगा एंटी रेप अंडरवियर
इसके बाद सर्विलांस के जरिए पुलिस बड़ी आसानी से घटनास्थल का पता लगा सकती है. बैटरी बदलने से पहले इस जींस को तीन महीने तक इस्तेमाल किया जा सकता है.
जींस से अलार्म मिल सके इसके लिए इलाके के लगभग 200 पुलिस स्टेशनों को जरूरी टेक्नोलॉजी से लैस कर दिया गया है. अगले महीने इसका टेस्ट किया जाएगा और अगर यह सफल रहता है तो फिर पूरे देश में इसे लागू करने की मांग की जाएगी.
दोनों लड़कियों का कहना है कि देश भर में बलात्कार के बढ़ते मामलों के मद्देनजर उनके दिमाग में एंटी रेप जींस बनाने का विचार आया. गौरतलब है कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर 22 मिनट में एक रेप होता है.
कैब ड्राइवर की बेटी और साइंस स्टूडेंट दीक्षा पाठक का कहना है, 'हम काफी लंबे समय से इस डिवाइस को बनाने के बारे में सोच रहे थे. मैं जब भी देरी से घर आती हूं मेरे पिता मेरी फिक्र में बीमार हो जाते हैं. हाल ही में हुईं गैंग रेप की वारदातों ने मुझे और मेरे साथियों को अंदर तक हिला कर रख दिया. हमें उम्मीद है कि जो भी महिलाएं हमारे बनाए हुए कपड़े पहनेंगी उन्हें इस तरह के कटु अनुभव से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा'.
इस काम में दीक्षा की दोस्त और इलेक्ट्रॉनिक कम्यूनिकेशन की छात्रा अंजलि ने बखूबी साथ दिया.