वरिष्ठ बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने बुधवार को भारतीय भाषाओं के पक्ष में वकालत की और कहा कि यह काफी अपमानजनक होता है जब विदेशी दौरों पर विभिन्न देशों के लोग अपनी भाषाओं में बात करते हैं और भारतीय अंग्रेजी भाषाओं में संवाद करते हैं.
कुसुमांजलि साहित्य सम्मान 2014 के दौरान वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा मेरा जन्म ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ था. विदेशी दौरों पर यह काफी अपमानजनक होता है, विभिन्न देशों के लोग अपनी भाषाओं में बात करते हैं लेकिन भारत से जाने वाले अधिकतर लोग, यहां तक की आपस में भी अंग्रेजी में बात करते हैं. जब वे अंग्रेजी में बात करते हैं, वे अच्छे नहीं लगते हैं.
आडवाणी ने कहा कि कुछ चीजें हैं जो काफी दुखद है. उनमें से एक है अपनी भाषाओं में नहीं बोलना और दूसरी भाषाओं में बात करना. गौरतलब है कि हिंदी की वकालत करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ब्रिक्स सम्मेलन को अंग्रेजी में संबोधित किया था.
कुसुमांजलि साहित्य कार्यक्रम में आडवाणी को सम्मानित किया गया.