scorecardresearch
 

श्रीहरिकोटा से भारत का मंगल अभियान 5 नवंबर को लॉन्‍च होगा

मंगल ग्रह की पड़ताल का भारत का महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियान का आगाज 5 नवंबर को श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केन्द्र से किया जाएगा.

Advertisement
X

मंगल ग्रह की पड़ताल का भारत का महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियान का आगाज 5 नवंबर को श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केन्द्र से किया जाएगा.

Advertisement

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र (इसरो) के प्रवक्ता ने आज बताया कि मंगल अभियान 'मंगलायन' पीएसएलवी सी 25 से 5 नवंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र के प्रथम लांच पैड से 3.28 अपराह्न किया जाएगा. पहले 19 अक्तूबर को लांच का तारीख तय की जानी थी, लेकिन दक्षिण प्रशांत महासागर के खराब मौसम के मद्देनजर आज तक के लिए टाल दिया गया था.

इसरो के शक्तिशाली ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) का उपयोग 450 करोड़ रुपये के इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए किया जाएगा. इस अभियान का प्राथमिक उद्देश्यों में मंगल ग्रह के गिर्द की कक्षा में उपग्रह भेजने और जीवन के चिह्न खोजने, रक्ताभ ग्रह की तस्वीरें लेने और मंगल के वातावरण का अध्ययन करने की भारत की तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन करना है.

लांच अभियान का पहले ही श्रीहरिकोटा से शुरुआत हो चुकी है. वहां से 1350 किलोग्राम वजन का मार्स आरबाइटर मिशन (एमओएम) अंतरिक्षयान 110 करोड़ रुपये के पीएसएलवी से प्रक्षेपित किया जाएगा. इसरो ने बताया कि उपग्रह वैज्ञानिक प्रयोग संचालित करने वाले उपकरण ले जाएगा, जिसका कुल वजन 15 किलोग्राम होगा. उसपर मंगल की सतह, वातावरण और खणिजों का अध्ययन करने के लिए पांच उपकरण होंगे.

Advertisement

इसरो ने बताया कि पृथ्वी की कक्षा से निकलने के बाद अंतरिक्षयान गहन अंतरिक्ष में तकरीबन 10 माह सफर करेगा. इस दौरान वह अपनी प्रणोदन प्रणाली का इस्तेमाल करेगा. वह अंतत: अगले साल सितंबर में मंगल के 'ट्रांसफर ट्रजेक्टरी' तक पहुंचेगा. अंतरिक्ष यान मंगल की 372 किलोमीटर गुणे 80000 किलोमीटर अंडाकार कक्षा में प्रवेश करेगा.

Advertisement
Advertisement