अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के महानिदेशक मोहम्मद अलबरदेई को शांति, निरस्त्रीकरण को बढ़ावा देने और परमाणु ऊर्जा का सैन्य उद्देश्यों के उपयोग करने के मामले में कड़ा विरोध करने के लिए आज इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
राष्ट्रपति पाटिल ने दिया पुरस्कार
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने अलबरदेई को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया. इस पुरस्कार के तहत उन्हें 25 लाख रूपये और एक प्रशस्ति पत्र दिया गया. समारोह में उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद थे.
दुनिया की एक उम्मीद बना भारत
इस अवसर पर अलबरदेई ने कहा कि भारत विकासशील दुनिया की एक उम्मीद बन गया है. मुझे विश्वास है कि भारत परमाणु सुरक्षा और संरक्षा के उच्च मानदंडों की वकालत करने और उस पर अमल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में पुरस्कार के अंतरराष्ट्रीय निर्णायक मंडल ने पिछले साल नवंबर में अलबरदेई को यह पुरस्कार देने का निर्णय किया था.
परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा दिया
आईएईए प्रमुख ने अपने कार्यकाल में परमाणु ऊर्जा का सैन्य उद्देश्यों के उपयोग करने के मामले में कड़ा विरोध किया और परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को हमेशा बढ़ावा दिया. अलबरदेई ने आईएईए के साथ सुरक्षा मानक समझौता करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी, जो अंतरराष्ट्रीय परमाणु कारोबार में भारत के फिर से प्रवेश की अनिवार्य शर्त थी. वकालत की शिक्षा ले चुके अलबरदेई ने 1964 में मिस्र राजनयिक सेवा में अपना करिअर शुरू किया था और वह न्यूयार्क एवं जिनेवा, दोनों जगह संयुक्त राष्ट्र में सेवा दे चुके हैं.