राज्यसभा में नेपाल सीमा संकट पर सरकार का पक्ष रखते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पड़ोसी मुल्क को आड़े हाथों लिया है. सोमवार को सदन में बोलते हुए मंत्री ने नेपाल से भूकंप के दिनों को याद करते हुए कहा कि जब कभी संकट की घड़ी आई, भारत बड़े भाई की तरह नेपाल के साथ खड़ा रहा. हमारा मकसद किसी के अंदरूनी मामले में दखल देना नहीं है, लेकिन हम किसी को हेकड़ी भी नहीं दिखा रहे.
अपने बयान में सुषमा स्वराज ने कहा, 'मधेशी आंदोलन के कारण भारत-नेपाल सीमा पर 11,600 ट्रकें जाम में फंसी हुई हैं. नेपाल में जब भूकंप आया तो भारत ने सबसे पहले बड़े भाई की तरह मदद का हाथ आगे बढ़ाया. भल हम किसी ऐसे देश की सीमा पर संकट क्यों खड़े करेंगे, जिससे हमारे अच्छे संबंध हैं?' मंत्री ने आगे कहा कि भारत सरकार ने मुश्किल की इस घड़ी में भी नेपाल के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जरूरी दवाइयों की सूची मांगी, लेकिन दुखद है कि वहां से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है.
इससे पहले NSA वार्ता पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस को सरकार ने आक्रामक अंदाज में जवाब दिया है. केंद्रीय मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि पाकिस्तान से बात करना सरकार की नीति और रणनीति का हिस्सा है. कांग्रेस की समस्या यह है कि वह सत्ता में नहीं है.
PAK से लौटकर सुषमा भी देंगी जवाब
राठौड़ से पहले केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि 'विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मंगलवार को इस्लामाबाद जा रही हैं. सूत्रों के मुताबिक वह इस मसले पर संसद में बयान देंगी.' सुषमा वहां पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ और उनके विदेश मामलों के सलाहकार और पूर्व एनएसए सरताज अजीज से भी मिलेंगी.
शिवसेना ने भी उठाए हैं सवाल
बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने भी गोपनीय रूप से हुई इस वार्ता पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने यह मुद्दा राज्यसभा में भी उठाया. दोनों मुल्कों के सुरक्षा सलाहकार रविवार को बैंकॉक में मिले थे. इस दौरान जम्मू-कश्मीर सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई थी.
कांग्रेस ने क्या कहा
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि बैंकॉक में हुई एनएसए लेवल की बातचीत राष्ट्रहित के साथ सबसे बड़ा धोखा है. सितंबर 2015 से दिसंबर 2015 के बीच हालात में ऐसा क्या बदलाव आया है जो बातचीत दोबारा शुरू कर दी गई और वह भी दोनों देशों से ही दूर देश में?
वहीं, पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने इस बातचीत के लिए संसद को भी भरोसे में नहीं लिया. मई 2014 से ही रुख बदलता रहा है. ताजा बातचीत से न तो भरोसा बनता है और न ही उम्मीद.
Series of flip-flops since May2014.Current talks don't inspire much confidence or expectation:Randeep Surjewala,Cong pic.twitter.com/KfTm4MVCuE
— ANI (@ANI_news) December 7, 2015
नायडू बोले- सियासी बयानबाजी न करे कांग्रेस
केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि संसद सत्र चल रहा है. बाद में जब भी विदेश मंत्रालय को उचित समय लगेगा, वह इस पर जवाब देगा. विपक्ष के इसे महाधोखा बताने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ऐसे मुद्दों से निपटने का ज्यादा अनुभव है. कांग्रेस नेताओं को इस पर राजनीतिक बयानबाजी नहीं करनी चाहिए.
शिवसेना ने क्या कहा
शिवसेना के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि तीसरे मुल्क में जाकर बात होती है, उसी से पता चलता है कि दोनों देशों में कैसे रिश्ते हैं. उन्होंने कहा कि शिवसेना पाकिस्तान से किसी भी तरह के रिश्ते रखने में विश्वास नहीं करती. अगर आप पाकिस्तान स्पॉन्सर्ड आतंकवाद पर बात कर रहे हो तो देश को भरोसे में लेना चाहिए कि क्या बातचीत हो रही है.
Pakistan ke saath kisi bhi tarah se rishte rakhne mein, Shiv Sena ka vishwas nhi hai: Sanjay Raut pic.twitter.com/zNSnccPBNc
— ANI (@ANI_news) December 7, 2015
कई मुद्दों पर हुई थी बात
अजीत डोभाल और नासिर खान जनजुआ की बातचीत के बाद दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया, 'इस वार्ता में शांति और सुरक्षा, आतंकवाद, जम्मू एवं कश्मीर और नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने सहित कई दूसरे मुद्दों पर चर्चा हुई.' बयान में लिखा गया है कि वार्ता सौहार्दपूर्ण और रचनात्मक माहौल में आयोजित की गई.