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आतंकवाद व जल विवाद पर केन्द्रित होगी भारत-पाक वार्ता

भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि दोनों देशों के बीच प्रस्तावित वार्ता ‘आतंकवाद’ और द्विपक्षीय संबंधों को ‘नुकसान पहुंचाने वाले’ अन्य मुद्दों पर केन्द्रित रहेगी. हालांकि, भारत ने रुकी हुई समग्र वार्ता की पूरी तरह बहाली का संकेत नहीं दिया है.

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भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि दोनों देशों के बीच प्रस्तावित वार्ता ‘आतंकवाद’ और द्विपक्षीय संबंधों को ‘नुकसान पहुंचाने वाले’ अन्य मुद्दों पर केन्द्रित रहेगी. हालांकि, भारत ने रुकी हुई समग्र वार्ता की पूरी तरह बहाली का संकेत नहीं दिया है.

विदेश मंत्रालय में एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि तकरीबन एक हफ्ते पहले जब भारतीय विदेश सचिव निरुपमा राव ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष सलमान बशीर को सचिव स्तरीय वार्ता का प्रस्ताव देने के लिए फोन किया था, उस वक्त उन्होंने साफ कर दिया था कि बातचीत आतंकवाद और ‘दोनों देशों के संबंधों को नुकसान पहुंचाने वाले’ अन्य मुद्दों पर केन्द्रित रहेगी. अधिकारी ने बताया कि राव ने नदी जल बंटवारे के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच मतभेद को लेकर भी बातचीत की इच्छा जतायी थी.

पिछले कुछ सालों में जल विवाद दोनों देशों के संबंधों पर प्रभाव डालने वाले एक बड़े कारक के तौर पर उभरा है. इस मसले पर इस्लामाबाद नई दिल्ली पर यह इल्जाम लगाता रहा है कि भारत ने नदियों के प्रवाह को रोका है जबकि भारत इस आरोप को खारिज करता है. बहरहाल, सूत्रों ने कहा कि राव ने बातचीत के दौरान समग्र वार्ता की पूरी तरह बहाली के कोई संकेत नहीं दिए जिस पर 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के बाद भारत ने विराम लगा दिया था.

सूत्रों ने राव की ओर से समग्र वार्ता का संदर्भ नहीं देने को उनका एक ‘सर्तक प्रयास’ बताया. दोनों देशों के विदेश सचिवों के आपसी संपर्क के बाद इस्लामाबाद ने नई दिल्ली में अपने उच्चायुक्त से राव से मुलाकात करने को कहा ताकि प्रस्तावित वार्ता की सामग्री और एजेंडा के बारे में साफ-साफ पता चल सके.

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