इंदौर-पटना एक्सप्रेस रेल घटना के बाद मंगलवार सुबह से ही कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर तमाम चश्मदीदों का तांता लगना शुरु हो गया था, लोग अपने-अपने अनुसार पुलिस को हादसे की जानकारी दे रहे थे. हादसे की जांच कर रहे कमिश्नर रेलवे सेफ्टी पी.के. आचार्य ने कहा कि सीआरएस के मुताबिक कोई शुरुआती या अंतरिम जांच के नतीजे वह नहीं देंगे,पूरी रिपोर्ट आने में कम से कम एक महीने का वक्त लग सकता है. दो दिनों तक दुर्घटना स्थल और रेल की बोगी की जांच करने के बाद मंगलवार को उन तमाम लोगो के बयान दर्ज होने शुरू हुए जो इस इस हादसे के चश्मदीद हैं.
मंगलवार सुबह अपना बयान दर्ज कराने सबसे पहले उस ट्रेन का ड्राइवर जलज शर्मा आया जिसपर सबकी निगाहें लगी थी, कमिश्नर रेलवे सेफ्टी के सामने करीब 1 घंटे तक उसने अपना बयान दर्ज कराया, जांच कमीशन के सामने उसकीदोबारा पेशी होगी. रेल अधिकारी उसके बयान के बाद चुपचाप उसे पिछले दरवाजे से निकाल कर ले गए ताकि उसे मीडिया से बचाया जा सके.
ड्राइवर जलज शर्मा जांच कमीशन के सामने से आया तो उसने किसी से बात नहीं की, वहीं दूसरे सहयोगी उदय पुरोहित ने बताया कि हमारे पास गड़बड़ी की कोई सूचना नहीं थी, ऊपर से भी कोई खबर नहीं थी.
मंगलवार शाम मीडिया से बात करते हुए एक सवाल के जबाब में कमिश्नर रेलवे सेफ्टी पी. के आचार्य ने कहा कि दोनों लोको पायलटो के ब्लड सैंपल लिए गए हैं ,इस बात की रिपोर्ट आना बाकि है कि ये लोग शराब के नशे में थे या नहीं.
वही जांच कमेटी के चेयरमैन ने यह भी कहा कि अभी तक 3 लोगों से पूछताछ की गई है, दो चालक और एक लोको इंस्पेक्टर से पूछताछ की जा रही है रेलवे की पटरी को जांच के लिए आरडीएस को भेजी जा रही है. इसके साथ ही सभी बयानों को रेलवे मंत्रालय को भी सौंपा जाएगा.