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साफ-सफाई में इंदौर टॉप पर, यूपी का गोंडा सबसे फिसड्डी: स्वच्छता सर्वेक्षण

शहरों में साफ-सफाई की व्यवस्था को लेकर करवाए गए केंद्र सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश का इंदौर शहर सबसे साफ साबित हुआ है. साल 2017 के स्वच्छ सर्वेक्षण के मुताबिक, स्वच्छता रैंकिंग में इंदौर पहले पायदान पर रहा, तो वहीं मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल दूसरे नंबर पर रहा. वहीं सफाई के मामले में यूपी सबसे फिसड्डी साबित हुआ. देश के दस सबसे गंदे शहरों पर चार यूपी के ही थे.

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खुद झाड़ू लगाकर 'स्वच्छ भारत' अभियान की शुरुआत करते पीएम मोदी (फाइल फोटो)
खुद झाड़ू लगाकर 'स्वच्छ भारत' अभियान की शुरुआत करते पीएम मोदी (फाइल फोटो)

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शहरों में साफ-सफाई की व्यवस्था को लेकर करवाए गए केंद्र सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश का इंदौर शहर सबसे साफ साबित हुआ है. साल 2017 के स्वच्छ सर्वेक्षण के मुताबिक, स्वच्छता रैंकिंग में इंदौर पहले पायदान पर रहा, तो वहीं मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल दूसरे नंबर पर रहा. वहीं सफाई के मामले में यूपी सबसे फिसड्डी साबित हुआ. देश के दस सबसे गंदे शहरों पर चार यूपी के ही थे.

सफाई में MP ने मारी बाज़ी
इस लिस्ट में मध्य प्रदेश इंदौर और भोपाल के बाद सफाई के मामले में विशाखापट्टनम, सूरत, मैसूरू, तिरुचिरापल्ली, दिल्ली के NDMC वाले इलाके, नवी मुंबई, तिरुपति और वडोदरा का नंबर है.

गोंडा रहा सबसे गंदा
वहीं सफाई के मामले में सबसे खराब रिकॉर्ड वाले 10 शहरों में यूपी के चार, बिहार और पंजाब के दो तथा उत्तराखंड व महाराष्ट्र के एक-एक शहर शामिल हैं. स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत जारी कुल 434 देशों की लिस्ट में गोंडा सबसे गंदा शहर रहा. वहीं महाराष्ट्र के भुसावल 433वें पायेदान पर, इसके बाद बिहार का बगहा, उत्तराखंड का हरदोई, बिहार का कटिहार, यूपी का बहराइच, पंजाब का मुक्तसर और अबोहर तथा इसके बाद यूपी का शाहजहांपुर 426वें तथा खुर्जा 425वें स्थान के साथ देश के दस सबसे गंदे शहरों में रहा.

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इन पैमानों पर मापा गया सफाई का हाल
देश के 434 शहरों और नगरों में कराए गए स्वच्छता सर्वेक्षण के मुताबिक, इसमें हिस्सा लेने वाले 83 फीसदी से अधिक लोगों ने बताया कि उनका इलाके में पिछले साल के मुकाबले ज्यादा साफ-सफाई देखने को मिली है. सरकार की ओर से जारी सर्वेक्षण नतीजों में यह बात भी सामने आई है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 के अनुसार, 82% से ज्यादा नागरिकों ने स्वच्छता बुनियादी ढांचा और अधिक कूड़ेदान की उपलब्धता के अलावा घर-घर जाकर कूड़ा इकट्ठा करने जैसी सेवाओं में सुधार पर बात की, जबकि 80% लोगों ने सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों तक बेहतर पहुंच बनाए जाने पर जोर दिया. इसमें यह भी कहा गया है कि 404 शहरों और कस्बों के 75 फीसदी आवासीय क्षेत्र में ज्यादा सफाई देखी गई. इसके साथ ही 185 शहरों में रेलवे स्टेशन के आसपास का पूरा इलाका स्वच्छ बताया गया है.

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