मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के चलते सितंबर महीने में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 3.8 प्रतिशत रह गई. सरकारी आंकड़ों के अनुसार मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के साथ-साथ टिका उपभोक्ता सामान खंड में गिरावट से भी औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि प्रभावित हुई.
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक आईआईपी आधारित कारखाना उत्पादन सितंबर 2016 में पांच प्रतिशत बढ़ा था, जबकि इस साल अगस्त में इसमें 4.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी. केंद्रीय सांख्यिकी संगठन के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 2.5 प्रतिशत रही जोकि पिछले वित्त वर्ष की समान छमाही में यह 5.8 प्रतिशत थी.
सितंबर महीने में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर 3.4 प्रतिशत रह गई जो कि पिछले साल 5.8 प्रतिशत रही थी. सूचकांक में इस क्षेत्र का भारांक 77.63 प्रतिशत है.
अप्रैल-सितंबर की अवधि में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की वृद्धि दर 1.9 प्रतिशत रही जो कि पिछले वर्ष समान अवधि में 6.1 प्रतिशत थी. टिका उपभोक्ता सामान खंड का उत्पादन सितंबर में तुलनात्मक रूप से 4.8 प्रतिशत घटा, जबकि सितंबर 2016 में इसमें 10.3 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गई थी.
इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में इस खंड का उत्पादन 1.5 प्रतिशत घटा, जबकि पिछले साल इसमें 6.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. बिजली उत्पादन क्षेत्र की वृद्धि दर सितंबर में घटकर 3.4 प्रतिशत रही जो कि एक साल पहले 5.1 प्रतिशत थी.
हालांकि खनन क्षेत्र ने अगस्त महीने में 7.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जबकि एक साल पहले इसमें 1.2 प्रतिशत की गिरावट थी. आंकड़ों के अनुसार सितंबर महीने में प्राथमिक वस्तुओं की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत और पूंजीगत सामान की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रही. वहीं गैर टिका उपभोक्ता सामान खंड की वृद्धि दर इस दौरान 10 प्रतिशत रही.