scorecardresearch
 

उद्योग जगत को मिल सकती है छंटनी की छूट

सरकार विशेष निवेश जोन में स्थित उद्योगों को कर्मचारियों की संख्या घटाने, काम के घंटे बढ़ाने और यूनियनों में शामिल होने के कर्मचारियों के अधिकारों की कटौती करने की स्वतंत्रता देने पर विचार कर रही है.

Advertisement
X

सरकार विशेष निवेश जोन में स्थित उद्योगों को कर्मचारियों की संख्या घटाने, काम के घंटे बढ़ाने और यूनियनों में शामिल होने के कर्मचारियों के अधिकारों की कटौती करने की स्वतंत्रता देने पर विचार कर रही है.

Advertisement

इसके अलावा, प्रस्तावित राष्ट्रीय विनिर्माण एवं निवेश जोन (एनएमआईजेड) में स्थित इकाइयां महिलाओं से तीन पालियों में काम लेने में सक्षम होंगी और उन पर ठेका श्रमिक उन्मूलन कानून लागू नहीं होगा. एक दूसरे नीतिगत बदलाव के तहत केन्द्र एनएमआईजेड के लिए भूमि अधिग्रहण के मामले में राज्य सरकारों पर नजर रखेगा. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने एक नयी विनिर्माण नीति पर विभिन्न भागीदारों के विचार आमंत्रित करते हुए एक अवधारणा प्रपत्र जारी किया है.

प्रपत्र के मुताबिक, ‘भूमि का अधिग्रहण राज्य सरकार द्वारा किया जाना चाहिए और फिर इसे विशेष उद्देश्यीय कोष (एसपीवी) को सौंपा जाना चाहिए जो एनएमआईजेड का संचालन करेगा. भूमि अधिग्रहण पर हाल में हुए बवाल के बाद केन्द्र ने राज्य सरकारों को विशेष आर्थिक जोन के लिए अनिवार्य अधिग्रहण करने से बचने को कहा है.

Advertisement

प्रपत्र में कहा गया है कि नयी नीति का उद्देश्य देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत पहुंचाना है. यद्यपि कर्मचारियों को नौकरी पर रखने और उन्हें निकालने की नियोक्ता को स्वतंत्रा का स्वाभाविक तौर पर ट्रेड यूनियनें विरोध करेंगी, सरकार का दावा है कि नयी नीति का लक्ष्य विनिर्माण क्षेत्र में मौजूद रोजगार का स्तर बढ़ाकर दोगुना करना है.

Advertisement
Advertisement