भारतीय रिजर्व बैंक का मानना है कि हाल में कीमतों में आई गिरावट के बावजूद मुद्रास्फीति अभी भी वहनीय स्तर से ऊपर है.
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर सुबीर गोकर्ण ने एक कार्यक्रम के मौके पर कहा कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों में इसलिए तेजी आई है, क्योंकि लोग आज प्रोटीन आधारित भोजन की ओर रुख कर रहे हैं.
गोकर्ण ने कहा, ‘वर्तमान मुद्रास्फीति परिदृश्य चिंता का विषय है, क्योंकि महंगाई की दर सामान्य स्तर से उंची बनी हुई है.’ उन्होंने कहा कि मांग की वजह से बढ़ने वाली महंगाई को मौद्रिक तथा वित्तीय उपायों से काबू किया जा सकता है, पर खाद्य पदार्थों तथा ऊर्जा के मोर्चे पर भारतीय अर्थव्यवस्था आपूर्ति की दृष्टि से कमजोर है.’
गोकर्ण ने कहा कि वर्तमान में खाद्य वस्तुओं के दाम इसलिए बढ़ रहे हैं, क्योंकि प्रभावशाली ग्राहक प्रोटीन आधारित खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो नकारात्मक रुख है, उससे यह उम्मीद बंधती है कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक महंगाई काफी नीचे आ जाएगी. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक चाहता है कि मध्यम अवधि में महंगाई की दर चार से 4.5 प्रतिशत तथा दीर्घावधि में तीन प्रतिशत के दायरे में रहे.