भारतीय नौसेना में गुरुवार को पूर्णत: स्वदेश निर्मित अपतटीय गश्ती पोत आईएनएस सुमित्रा को शामिल कर लिया गया. इस मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर.के.धोवन ने कहा कि भारत के पूर्वी समुद्र तटों की गश्ती में यह पोत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
धोवन ने कहा कि पूर्वी नौसेना कमान के तहत यह पोत बंगाल की खाड़ी और पूर्वी हिंद महासागर क्षेत्र में चुनौतियों से निपटने में कारगर साबित होगा.
नौसेना प्रमुख ने कहा, 'भविष्य की नौसेना का ब्लू प्रिंट पूरी तरह आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण पर निर्भर है. वर्तमान में सरकारी और निजी शिपयार्ड में 41 जहाज और पनडुब्बियां निर्माणाधीन हैं.'
उन्होंने कहा, 'यह बेहद गर्व की बात है कि दशकों बाद हम खरीदार नौसेना से निर्माता नौसेना में तब्दील हो गए हैं.' 105 मीटर लंबा, 13 मीटर चौड़ा और 2,200 टन विस्थापन वाला यह पोत 25 नॉट की रफ्तार हासिल कर सकता है.
धोवन ने कहा कि कई वर्षों की मेहनत के बाद भारत ने विभिन्न शिपयार्ड में 120 युद्ध पोतों और पनडुब्बियों का निर्माण और डिजायन किया है.