नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने आज चार्ल्स शोभराज की पत्नी निहिता विश्वास और उसकी मां को न्यायिक अवमानना को लेकर अदालत में पेश होने को कहा. इन दोनों ने ‘बिकनी किलर’ के नाम से जाने-जाने वाले शोभराज की आजीवन कारावास की सजा को शीर्ष अदालत के बरकरार रखे जाने को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था.
उच्चतम न्यायालय ने आज 22 वर्षीय विश्वास और उनकी मां शकुंतला थापा को शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों की सार्वजनिक तौर पर आलोचना करने के लिए तीन दिन के भीतर अदालत में पेश होने का आदेश दिया. थापा शोभराज की वकील भी हैं.
उन्होंने 30 जुलाई को अंतिम फैसला आने के बाद न्यायाधीशों के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. शीर्ष अदालत के इस फैसले से शोभराज की जेल से छूटने की उम्मीदों को करारा झटका लगा था.
न्यायालय का यह निर्देश अधिवक्ताओं राजन अधिकारी और शांता सिधन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आया. इन वकीलों ने शोभराज की पत्नी और उसकी सास पर अदालत की अवमानना करने का आरोप लगाया था.
न्यायालय अधिकारियों ने कहा कि न्यायमूर्ति राम कुमार प्रसाद शाह की एकल पीठ ने पुलिस को आदेश दिया कि अगर आरोपियों ने निर्धारित समयसीमा के भीतर आत्मसमर्पण नहीं किया तो उन्हें गिरफ्तार करके शीर्ष अदालत के समक्ष पेश किया जाए.
न्यायमूर्ति शाह उन दो न्यायाधीशों में से एक थे जिसने अमेरिकी पर्यटक कोनी जो ब्रांजिक की 1975 में की गई सनसनीखेज हत्या के मामले में शोभराज के खिलाफ अंतिम फैसला सुनाया.