गृहमंत्री राजनाथ सिंह का हाल ही में दिया गया बयान कि 'सरकार दाऊद इब्राहिम को वापस लाएगी' भले ही अवास्तविक लगता हो, लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि भारत का मोस्ट वांटेड पाकिस्तान में आईएसआई के संरक्षण में रह रहा है.
चार महीने पहले सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान से आने वाले दाऊद इब्राहिम की तीन फोन कॉल्स को पकड़ा था. दाऊद ने ये कॉल पाकिस्तान से अपने गुर्गे जावेद को दुबई में की थी. इन कॉल्स के पकड़े जाने के बाद इस बात की पुष्टि हो गई है कि गैंगस्टर का ठिकाना पड़ोसी देश है. इसके साथ ही पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित का झूठ भी पकड़ा गया कि दाऊद पाकिस्तान में नहीं है.
सूत्रों के मुताबिक जावेद दुबई और भारत में दाऊद का बिजनेस संभालता है. जावेद को तीन बार फोन करने से पहले दाऊद पाकिस्तान से अपने एक दूसरे गुर्गे तारिक के साथ भी रोजाना बात करता था. सूत्रों ने कहा, 'जावेद दाऊद का बिजनेस संभालता है, इसमें रियल एस्टेट, नारकोटिक्स, हवाला, सट्टेबाजी और फिक्सिंग शामिल है.'
दूसरी ओर तारिक के बारे में बहुत ज्यादा उपलब्ध नहीं है. एक समय दाऊद के राइट हैंड रहे तारिक परवीन को उत्तर प्रदेश एटीएस ने इस साल की शुरुआत में गिरफ्तार था. सूत्रों के मुताबिक इन तीनों फोन कॉल्स में दाऊद को सिर्फ बिजनेस के बारे में बात करते सुना गया.
दाऊद से जुड़ी इन तीनों फोन कॉल्स के पकड़े जाने का समय बेहद महत्वपूर्ण है, जब मोदी सरकार ने दाऊद इब्राहिम के बिजनेस इंटररेस्ट के खिलाफ कानून प्रवर्तन एजेंसियों, इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ को आक्रामक रुख अपनाने के लिए कहा है.