कैश की कमी की वजह से खस्ता हाल हो चुकी स्पाइसजेट को फिर उबारने जा रहे हैं अजय सिंह. वही अजय सिंह, जिन्होंने दस साल पहले उसे जन्म दिया था. फिर छोड़कर चले गए और अब जब वह मुसीबत में हैं तो वापस लौट आए हैं. दिलचस्प है उनका और स्पाइसजेट का रिश्ता-
2005- अजय सिंह ने अपने एक NRI दोस्त भूपेंद्र कनसागरा के साथ मिलकर देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन की स्थापना की. किफायती यात्रा कराने के मामले में इंडिगो से उसकी स्पर्धा चलती रही. बेहद कामयाबी के साथ इस एयरलाइन का संचालन हुआ.
2010- कलानिधि मारन ने इसके दो डायरेक्टर्स से 37.5 प्रतिशत शेयर्स खरीदे और इसके नए मालिक बन गए. कंपनी के शेयर होल्डर्स और डायरेक्टर्स की बैठक में अजय सिंह ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफे का ऐलान किया. मारन ने तब कंपनी में 750 करोड़ रुपये का निवेश कराया था.
(टेलिकॉम घोटाले की चर्चित एयरसेल-मेक्सिस डील में नाम आने के बाद मारन की साख काफी घट गई. कंपनियों को फाइनेंस मिलने में परेशानी होने लगी. तेल कंपनियों ने ईंधन देना बंद कर दिया.)
2015- अजय सिंह फिर परिदृश्य में लौटे. कैश की कमी से जूझ रही एयरलाइन के लिए उन्होंने 1500 करोड़ का निवेश लाने का वादा किया. इसके बदले उन्होंने कंपनी की 58 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है. 200 करोड़ रुपये देकर. उसकी मार्केट कैप से ढाई गुना कम है. बाजार के जानकार कह रहे हैं कि अजय सिंह के लिए यह सौदा कौडि़यों के भाव में हुआ है.