कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा वापस लेने से राहुल गांधी के इनकार के बाद सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष चुना गया है. नए अध्यक्ष के चुनाव तक वह यह जिम्मेदारी संभालेंगी. लेकिन गैर गांधी-नेहरू परिवार के किसी नेता पर सहमति बनने पर सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष पद की बागडोर संभालने का अनुरोध किया गया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया.
असल में, कांग्रेस कार्यसमिति में अध्यक्ष पद के लिए राहुल, फिर प्रियंका और उसके बाद सोनिया गांधी, तीनों ने एक-एक कर मना कर दिया. फिर कार्यसमिति के सदस्यों ने कहा कि आप तीनों ही कोई एक नाम तय कर दें. इस पर भी बात नहीं बनी. तब सोनिया गांधी से अंतरिम अध्यक्ष बने रहने को कहा गया, जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया.
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि राहुल गांधी द्वारा पार्टी नेताओं का आग्रह विनम्रता से अस्वीकार किए जाने के बाद सीडब्ल्यूसी ने सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया. वह नए अध्यक्ष के चुनाव तक यह जिम्मेदारी निभाएंगी.
ये फैसला कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में लिया गया. इससे पहले राहुल गांधी अध्यक्ष पद छोड़ने पर अड़ गए थे. लिहाजा, दो बार हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में तीन प्रस्ताव पारित किए गए. एक प्रस्ताव में बतौर अध्यक्ष राहुल गांधी के योगदान की सराहना की गई है, दूसरे में सोनिया को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किए जाने और तीसरे प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर की स्थिति का उल्लेख है.
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी की तारीफ का प्रस्ताव भी पास किया गया. प्रस्ताव में कहा गया कि राहुल गांधी ने बेबाकी से देश के मुद्दों को उठाया, पार्टी को नई ऊर्जा दी और कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया.
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक शनिवार को दो बार हुई, जिसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रियंका गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, एके एंटनी समेत कई बड़े नेता शामिल हुए. सुबह 11 बजे हुई बैठक में नेताओं के 5 समूह बनाए गए थे, जिन्होंने देश भर के कांग्रेस नेताओं की राय ली. इन्होंने अपनी रिपोर्ट सीडब्ल्यूसी में सौंपी.
रात 8 बजे जब पार्टी की दूसरी बैठक हुई तो राहुल गांधी ने साफ तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने से इनकार कर दिया. इसके बाद पार्टी नेताओं ने प्रियंका गांधी को 'कप्तान' बनाने की मांग उठाई. लेकिन इस पर भी सहमति नहीं बन पाई. इसके बाद पार्टी नेताओं ने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मिलकर पार्टी अध्यक्ष चुनें. लेकिन उन्होंने इसे भी मना कर दिया.
इसके बाद कोई विकल्प न बचते देख पार्टी नेताओं ने सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाने की मांग उठाई. नेताओं ने सोनिया गांधी के नाम का प्रस्ताव दिया. पहले तो सोनिया गांधी ने मना कर दिया. लेकिन जब उन्हें बताया गया कि गैर गांधी परिवार से जब तक कांग्रेस अध्यक्ष नहीं मिल जाता तभी तक यह जिम्मेदारी संभाल लें. इसके बाद उन्होंने अंतरिम अध्यक्ष बनना स्वीकार कर लिया.