एक ट्रेनी वकील ने आरोप लगाया है कि पिछले साल दिसंबर में जब दिल्ली गैंगरेप से गुस्साए लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे, उसी दौरान 'उसके दादा के उम्र के सुप्रीम कोर्ट के एक जज ने' एक होटल के कमरे में उसका यौन शोषण किया. लड़की 'हाल ही में रिटायर' हुए जज के साथ इंटर्नशिप कर रही थी.
अंग्रेजी अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' के मुताबिक, लड़की ने यह सनसनीखेज आरोप सबसे पहले 'जर्नल्स ऑफ इंडियन सोसाइटी' नाम के ब्लॉग के जरिये 6 नवंबर को लगाया. इस लेख का शीर्षक था, 'थ्रू माय लुकिंग ग्लास'. सोमवार को 'लीगली इंडिया' नाम की एक वेबसाइट पर उसका यह लेख दोबारा प्रकाशित हुआ.
'मैं जब उस कमरे से बाहर निकली...'
लड़की कोलकाता के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ज्यूडिशियल साइंस से वकालत पढ़कर इसी साल पास आउट हुई है.
'लीगली इंडिया' वेबसाइट से बातचीत में लड़की ने कहा, 'तब मेरा फाइनल ईयर था. सर्दियों की छुट्टी में मैं दिल्ली में इंटर्नशिप कर रही थी. दिल्ली गैंगरेप से लोगों में उबाल था . पुलिस की बैरीकेडिंग को छकाते हुए मैं बड़ी मुश्किल से हाल ही में रिटायर हुए सुप्रीम कोर्ट के उस प्रतिष्ठित जज के पास पहुंची. मुझे अपनी कर्मठता का पुरस्कार मिला यौन उत्पीड़न के रूप में. वह शरीर को चोट पहुंचाने वाला तो नहीं, लेकिन हिंसक जरूर था. मैं उन डरावने ब्यौरों में नहीं जाना चाहती, लेकिन इतना कहना पर्याप्त है कि जब मैं उस कमरे से बाहर निकली, वे यादें मेरे जेहन में थीं. बल्कि, अब भी वे यादें मेरे साथ चलती हैं.'
जज पर लगाया तीन और लड़कियों के शोषण का आरोप
लड़की ने बताया कि घटना ने उसे 'डरपोक' बना दिया इसलिए वह आरोपी के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा सकी. उसने कहा, 'लेकिन मैं अपना अनुभव साझा इसलिए कर रही हूं क्योंकि मुझे लगा कि यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी मेरी बनती है कि दूसरी लड़कियों के साथ ऐसा न हो.'
उसने बताया कि घटना के बाद इस कदर सदमे में थी कि गुस्से में रिएक्ट तक नहीं कर सकी. वेबसाइट से बातचीत में उसने कहा, 'मैंने सुना है कि उस जज ने तीन और लड़कियों का यौन शोषण किया है और मैं कम से कम चार लड़कियों को जानती हूं जो किसी न किसी जज की हवस का शिकार बनी हैं. लेकिन उनका अनुभव मेरे जितना बुरा नहीं रहा होगा. उनमें से ज्यादातर के साथ यह जज के चैंबर में हुआ, जब वहां कुछ और लोग भी मौजूद थे, इसलिए उनका अनुभव ज्यादा बुरा नहीं हो पाया. '
'कानून अधूरा और अपर्याप्त लगता था'
लेकिन लड़की ने इतने समय के बाद आरोप क्यों लगाए? उसने अपनी ब्लॉग पोस्ट में लिखा है, 'उस वक्त चारों ओर रेप के दोषियों को कड़ी सजा की बात हो रही थी. पांच साल तक कानून की पढ़ाई करने के बाद मैं जानती थी कि दिक्कतों को कानूनी रूप से ही सुलझाया जाता है. लेकिन मुझे लगा कि कानून पहले से ही अधूरा और अपर्याप्त है, इसलिए मैं साहस नहीं जुटा सकी. मैं कायर बन गई. '
अब यह देखना होगा कि यौन शोषण विरोधी कमेटी इस पर क्या एक्शन लेती है. इस कमेटी को चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर ने 17 जुलाई को गठित किया था. इसमें महिला वकीलों को कोर्ट परिसर, चैंबर्स या अदालती इलाके में यौन शोषण से बचाने के प्रावधान किए गए थे.