अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (ICJ) ने भारतीय कारोबारी कुलभूषण जाधव पर अपना फैसला सुना दिया है. अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाते हुए पाकिस्तान से इस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने कहा कि पाकिस्तान ने वियना कन्वेंशन का भी उल्लंघन किया है.
कुलभूषण जाधव को नहीं होगी फांसी-
कुलभूषण जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद है. जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ भारत ने मई 2017 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. अब अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने कुलभूषण जाधव पर फैसला सुनाते हुए फांसी पर रोक लगा दी है और पाकिस्तान को इस पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है. अब पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को फांसी नहीं दे सकता है. अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के कुल 16 जजों में से 15 ने भारत के पक्ष में फैसला दिया है. कोर्ट में पाकिस्तान एक जज ने भारत के विरुद्ध फैसला दिया है. अब इस मामले पर दोबारा सुनवाई होगी.
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काउंसलर एक्सेस-
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने के लिए भी कहा है. बता दें पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव काउंसलर एक्सेस भी नहीं दी है. काउंसलर एक्सेस में विदेशी नागरिक को अपने देश की वाणिज्य दूतावास और दूतावास के अधिकारी से संपर्क करने की इजाजत दी जाती है, लेकिन पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को पाक में मौजूद किसी भी भारतीय अधिकारी से संपर्क करने नहीं दिया. अब अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के फैसले के बाद पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस की इजाजत देनी होगी. मतलब अब भारतीय अधिकारी कुलभूषण जाधव से संपर्क कर सकते हैं और पाकिस्तान को इसकी इजाजत भी उन्हें देनी होगी.
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वियना कन्वेंशन का दोषी-
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पाकिस्तान ने वियना कन्वेंशन का उल्लंघन किया है. वियना कन्वेंशन एक अंतरराष्ट्रीय कानून है जो दो देशों के बीच राजनयिक संबंधों को नियंत्रित करता है. कुलभूषण जाधव मामले में, भारत ने ICJ में तर्क दिया था कि पाकिस्तान ने वियना कन्वेंशन का उल्लंघन किया, क्योंकि उसने कुलभूषण जाधव को सजा से पहले काउंसलर एक्सेस (राजनयिक सहायता) प्रदान नहीं किया था.