भारत और श्रीलंका के बीच पांचवां और अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खतरनाक पिच के कारण बीच में ही रद्द किये जाने की वजह से फिरोजशाह कोटला मैदान पर कम से कम एक साल का प्रतिबंध लग सकता है.
पिच की इस घटना के कारण पांच मैच की श्रृंखला का शर्मनाक अंत हुआ जिसमें भारत 3-1 से जीता. इस घटना से दिल्ली के विश्व कप 2011 के मैचों के आयोजन पर भी सवालिया निशान लग गया है. आईसीसी पिच और आउटफील्ड निगरानी प्रक्रिया के अनुसार पहली बार उल्लंघन पर मैच स्थल 12 से लेकर 24 महीने तक अंतरराष्ट्रीय दर्जा निलंबित कर दिया जाता है तथा उसमें पर्याप्त सुधार के निर्देश दिये जाते हैं.
आईसीसी प्रवक्ता ने कहा कि प्रक्रिया शुरू हो गयी है और मैच रेफरी एलन हर्स्ट अगले 12 घंटे के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे. उन्होंने कहा, ‘‘बीसीसीआई को जवाब देने के लिये 14 दिन का समय मिलेगा और इस पूरी प्रक्रिया में लगभग चार महीने लगेंगे. उसी के बाद दिल्ली पर फैसला किया जाएगा.’’
इससे ठीक 12 साल पहले 25 दिसंबर 1997 को भारत और श्रीलंका के बीच इंदौर के नेहरू स्टेडियम में खेला गया मैच पिच के खतरनाक होने के कारण रद्द कर दिया गया था जिसके बाद आईसीसी ने इस स्टेडियम पर दो साल का प्रतिबंध लगा दिया था. श्रीलंकाई टीम ने रविवार को तब 23.3 ओवर में पांच विकेट पर 83 रन बनाये थे जब बल्लेबाजों ने पिच से खतरनाक तरीके से उठती गेंदों के कारण आगे खेलने से मना कर दिया और रेफरी व अंपायरों ने दोनों कप्तानों से सलाह मशविरा करने के बाद मैच रद्द करने की घोषणा कर दी.