scorecardresearch
 

अंतरराष्ट्रीय परमाणु व्यवस्था भेदभावपूर्ण नहीं हो सकती: कृष्‍णा

भारत ने कहा कि वह परमाणु हथियार मुक्त दुनिया का समर्थन करता है, लेकिन दोहराया कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कोई भी अंतरराष्ट्रीय संधि भेदभावपूर्ण नहीं हो सकती.

Advertisement
X

भारत ने कहा कि वह परमाणु हथियार मुक्त दुनिया का समर्थन करता है, लेकिन दोहराया कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कोई भी अंतरराष्ट्रीय संधि भेदभावपूर्ण नहीं हो सकती.

भारत का रिकार्ड एकदम बेदाग
विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा के उद्घाटन सत्र में कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था भेदभावपूर्ण नहीं हो सकती. राष्ट्रों को अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी करनी चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘परमाणु निरस्त्रीकरण का लक्ष्य भारत की सबसे बड़ी प्राथमिकता है और परमाणु अप्रसार के मामले में उसका बेदाग रिकार्ड है.’’ कृष्णा ने इस संबंध में ‘राजीव गांधी एक्शन प्लान’ को भी दोहराया जो एक खास समयसीमा के भीतर तमाम परमाणु हथियारों के उन्मूलन का आह्वान करता है.

भारत के रुख को किया स्‍पष्‍ट
उन्होंने उल्लेख किया, ‘‘हम परमाणु परीक्षण पर स्वैच्छिक और एकतरफा रोक के लिए प्रतिबद्ध रहे.’’ कृष्णा का यह बयान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उस प्रस्ताव की पृष्ठभूमि में आया है जिसमें परमाणु अप्रसार संधि पर दस्तखत नहीं करने वाले सभी देशों से संधि में शामिल होने के लिए कहा गया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कृष्णा ने क्षेत्रीय शांति, संयुक्त राष्ट्र में सुधार और जलवायु परिवर्तन समेत विभिन्न मुद्दों पर भारत के रुख को रेखांकित किया.

Advertisement
Advertisement