आपके एटीएम कार्ड पर इंटरनेशनल चोरों की नज़र हो सकती है. एटीएम का क्लोन बनाकर जालसाज़ी के एक इंटरनेशनल मामले में लखनऊ के बैंक ख़ाते में जमा लाखों रुपए रूस में निकाल लिए गए. चोरी के इस मामले की जांच फिलहाल साइबर क्राइम विभाग को सौंप दी गई है.
हिंदुस्तान में बैंक ख़ाता. यहां से हज़ारों मील दूर दुबई में बैठा इंजीनियर और मॉस्को में चोरी. आप सोच रहे होंगे इन तीनों बातों का आपस में क्या रिश्ता है. दरअसल ये जालसाज़ी का एक इंटरनेशनल मामला है. जिसमें लखनऊ के बैंक ख़ाते में जमा लाखों रुपए रूस में निकाल लिए गए. तो आप भी बच कर रहिए. क्योंकि आपके एटीएम कार्ड पर इंटरनेशनल चोरों की नज़र है.
12 साल पहले लखनऊ के स्टेट बैंक में एनआरआई अकाउंट खोला. जिसका नंबर 10864075990 है. आलोक दुबई में माइनिंग इंजीनियर हैं. उनकी जानकारी के बग़ैर रूस के मॉस्को, सेंट पीट्सबर्ग और मस्कावा में किसी ने एटीएम कार्ड की जालसाज़ी करके 6 लाख 77 हज़ार 133 रुपए निकाल लिए. ये निकासी 8 मार्च से 22 मार्च के बीच हुई.
बैंक ने मज़बूरियां गिनाकर दिया टका सा जवाब
धोखाधड़ी का पता लगते ही आलोक ने अपने बैंक से संपर्क कर के पूरा मामला बताया. आलोक महीनों तक बैंक के भरोसे बैठे रहे, हारकर उन्हें पिछले महीने लखनऊ आना पड़ा. लेकिन बैंक ने उन्हें अपनी मज़बूरियां गिनाकर टका सा जवाब दे दिया.
साइबर क्राइम विभाग करेंगी जांच
अब आलोक की उम्मीदें पुलिस पर टिक गई हैं. उनकी शिक़ायत पर लखनऊ के हज़रत गंज थाने में मामला दर्ज हो गया है. एटीएम से इंटरनेशनल धोखाधड़ी का ये मामला फ़िलहाल साइबर क्राइम विभाग को सौंप दिया गया है.
एटीएम कार्ड से ख़रीद ख़तरनाक
जानकारों का मानना है कि आलोक ने किसी स्टोर पर अपने एटीएम कार्ड से ख़रीद की होगी. वहीं से डाटा चोरी कर एटीएम का क्लोन बना लिया गया होगा और फ़िर क्लोन किए हुए एटीएम कार्ड से रुपया निकालना कोई मुश्किल काम नहीं.