योग सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है. आसन के जरिए खुद को फिट और निरोग रखने वाली यह पद्धति अब दुनिया के कोने-कोने में पहुंच गई है. योग शरीर को फिट और निरोग बनाए रखने में अहम भूमिका तो निभाता ही है, साथ ही यह एक बड़ा बिजनेस भी बन गया है. योग के जरिए न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी सालाना अचछी कमाई हो रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आज की तारीख में वैश्विक स्तर पर योग की सालाना कमाई 80 बिलियन डॉलर (55,53,12,00,00,000 रुपए यानी 55,5312 करोड़) से ज्यादा हो गई है.
संयुक्त राष्ट्र की ओर से 11 दिसंबर 2014 को हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाए जाने का फैसला लिया गया. 2012 से इसे हर साल वैश्विक स्तर पर मनाए जाने लगा. हालांकि इससे पहले भी योग दुनिया में प्रचलित रहा है, और कई देशों में लोग नियमित तौर पर योगाभ्यास करते हैं. महर्षि पतंजलि को योग का पिता कहा जाता है. इन्होंने 195 योग सूत्रों का प्रतिपादन किया. आज दुनियाभर में योग कमाई और रोजगार का बड़ा जरिया बन गया है.
भारत की बात की जाए तो 2014-15 में वेलनेस उद्योग 85 हजार करोड़ रुपए का था. वित्तीय साल 2020 तक 1.5 ट्रिलियन रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है. वहीं आयुष क्षेत्र (आयुर्वेद, योग, नेचुरोपैथी, यूनानी और होम्योपैथी) का अनुमानित कारोबार 2022 तक 8 बिलियन डॉलर यानी 55,530 करोड़ रुपए तक पहुंचने की है.
(फाइल फोटो-रॉयटर्स)
पतंजलि की घटी कमाई
योग का जन्म भारत में हुआ. यह 2 हजार साल से ज्यादा समय से पहले से ही प्रचलन में है, लेकिन पिछले डेढ़ दशकों में बाबा रामदेव ने कपालभाति आसन के जरिए योग को घर-घर में लोकप्रिय बना दिया. यह अलग बात है कि रामदेव से पहले भी न सिर्फ भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर कई बड़े योग गुरुओं ने इस आसन पद्धति को लोगों के बीच बनाए रखा, लेकिन नए सिरे से पहचान रामदेव ने ही दिलाई.
बाबा रामदेव ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कंपनी की स्थापना 2006 में की. इस कंपनी ने तेजी से कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों को टक्कर दी. हालांकि योग से शुरुआत करने वाली यह कंपनी आयुर्वेद और अन्य उत्पादों के साथ बाजार में उतरी, लेकिन शुरुआती बढ़त के बाद अब उसकी कमाई कम होने लगी है.
200 बिलियन की कमाई का दावा
रामदेव की ओर से 2017 में ऐलान किया कि मार्च 2018 तक कंपनी का टर्नओवर 200 बिलियन रुपए (2.84 बिलियन डॉलर) से ज्यादा का हो जाएगा. कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार पतंजलि के उत्पादों की बिक्री में 10 फीसदी का इजाफा हुआ है और 81 अरब रुपए की कमाई हुई. हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कंपनी से जुड़े सूत्रों का कहना था कि पिछले वित्तीय साल में शुरुआती 9 महीने (31 दिसंबर) में कंपनी की कमाई घटकर यह 47 अरब रुपए तक सिमट गई. 2013-14 में पतंजलि का कारोबार 12 अरब रहा था.
(फाइल फोटो-रॉयटर्स)
भारत में 20 करोड़ से ज्यादा लोग करते हैं योग
2017 में हुए सर्वे के अनुसार, भारत में करीब 20 करोड़ से ज्यादा लोग योग करते हैं. भारत में योग का प्रचलन बढ़ने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर भी इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई जिसका फायदा यह हुआ कि योग रोजगार के बड़े साधनों में शुमार हो गया. 2019 में योग दुनिया का सबसे लोकप्रिय फिटनेस ट्रेंड बन गया. योग और इससे संबंधित मामलों की जानकारी हासिल करने को लेकर 2018 में सर्च इंजन पर सबसे ज्यादा बार इसे सर्च किया गया.
अमेरिका में 8 हजार करोड़ का बिजनेस
दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका में भी योग बेहद लोकप्रिय है और इसके दीवानों में रसेल ब्रांड, कैटी पैरी, लेडी गागा, एडम लिवेन और मैडोना जैसे ढेरों नामचीन चेहरे भी शामिल हैं. रोजाना योगाभ्यास करते हैं. आम अमेरिकी लोगों में भी योग को लेकर क्रेज बढ़ा है जिस कारण इस देश में योग का बिजनेस लगातार बढ़ता ही जा रहा है.
(फाइल फोटो-रॉयटर्स)
माना जा रहा है कि अमेरिका में 2020 तक में योग को लेकर कमाई 11.6 बिलियन डॉलर (8,06,29,86,00,000 रुपए) तक पहुंच जाने की संभावना है. 2012 में अमेरिका में योगा इंडस्ट्री करीब 7 बिलियन डॉलर की थी और इसमें लगातार इजाफा होते हुए यह 11 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया.
अमेरिका में 5 करोड़ योग करने वाले
दूसरी ओर, अमेरिका में 2008 में योगाभ्यास करने वालों की संख्या 1.8 करोड़ (18 मिलियन) थी जो 2020 तक बढ़कर 5.5 करोड़ (55 मिलियन) तक पहुंचने की संभावना है. 2015 में 25.4 मिलियन (2.5 करोड़ से ज्यादा) लोगों ने योगाभ्यास किया था.
स्टैटिसिस्टा डॉट कॉम के अनुसार, 2016 में हुए एक सर्वे के अनुसार 42% अमेरिकी लोगों का मानना है कि योग करने से उनके जीवन स्तर में खासा बदलाव आया है. 41% अमेरिकियों का मानना है कि योग से आतंरिक शांति बनती है. सर्वे के अनुसार 35% जिम में ही योग करना पसंद करते हैं. खास बात यह है कि व्यस्ततम समय से समय निकालकर 19% अमेरिकी लोग रोजाना योग करते हैं.
सिर्फ भारत ही नहीं अमेरिका, चीन, इंग्लैंड, थाइलैंड, स्पेन समेत दुनिया के तमाम देशों में बड़ी संख्या में योग प्रशिक्षक हैं जो योग के जरिए लोगों को फिट रखने का काम कर रहे हैं, साथ ही ऐसे हजारों योग प्रशिक्षकों को रोजगार भी मिला हुआ है.