प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में योग सत्र में हिस्सा लिया. पीएम मोदी ने यहां मशहूर फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट यानी एफआरआई में करीब 50,000 लोगों के साथ कई तरह के योगासन किए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल डॉक्टर के के पॉल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, केंद्रीय आयुष मंत्री और उत्तराखंड के आयुष मंत्री हरक सिंह रावत भी मौजूद रहे.
PM Narendra Modi leads #InternationalYogaDay2018 celebrations at the Forest Research Institute in Dehradun, Uttarakhand. pic.twitter.com/AXxh5KHSSF
— ANI (@ANI) June 21, 2018
इससे पहले पीएम मोदी ने जनता को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने योग दिवस के मौके पर अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि उत्तराखंड अनेक दशकों से योग का मुख्य केंद्र रहा है. उन्होंने कहा, "यहां के ये पर्वत स्वत: ही योग और आयुर्वेद के लिए प्रेरित करते हैं, सामान्य से सामान्य नागरिक भी जब इस धरती पर आता है तो उसे एक अलग तरह की दिव्य अनुभूति होती है. इस पावन धरा में अद्भुत स्फूर्ति और सम्मोहन है"More visuals from Forest Research Institute in Dehradun, Uttarakhand where PM Narendra Modi is leading #InternationalYogaDay2018 celebrations. pic.twitter.com/Y0hiS0xUsN
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पीएम मोदी ने कहा, "ये हम सभी भारतीयों के लिए गौरव की बात है कि आज जहां-जहां उगते सूरज के साथ जैसे-जैसे सूरज अपनी यात्रा करेगा, दुनिया के उस भूभाग में लोग योग से सूर्य का स्वागत कर रहे हैं. देहरादून से लेकर कर डबलिन तक, शंघाई से लेकर शिकागो, जकार्ता से लेकर जोहान्सबर्ग तक योग ही योग है. योग समूचे विश्व को जोड़ने वाली ताकत बन गया है."
"Dehradun se Dublin tak, Shanghai se Chicago tak, Jakarta se Johannesburg tak, Yoga hi Yoga hai. Yoga has become one of the unifying forces of the world: PM Modi at Dehradun's Forest Research Institute #InternationalYogaDay2018 pic.twitter.com/AhAnwgKOnv
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योग बिखराव के बीच जोड़ता है
पीएम मोदी ने कहा, आज की आपाधापी में योग व्यक्ति के जीवन में शांति की अनुभूति कराता है. व्यक्ति को परिवार से जोड़कर शांति स्थापित करता है और साथ लाता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम अपनी विरासत पर गर्व करेंगे तभी पूरी दुनिया इसे स्वीकार करेगी. आज पूरी दुनिया में ऐसा माहौल है जो योग के लिए सभी को बढ़ावा देता है.
उन्होंने कहा, योग हर परिस्थिति में जीवन को समृद्ध कर रहा है, जब तोड़ने वाली ताकतें हावी होती है तो बिखराव आता है तो व्यक्तियों और समाज और राष्ट्रों के बीच बिखराव होता है, समाज में विवाद बढ़ते हैं, यहां तक कि व्यक्ति खुद ही बिखरता है और जीवन में तनाव बढ़ता चला जाता है. इस बिखराव के बीच योग जोड़ता है.
आज हमारी दुनिया में ऐसे करोड़ों लोग हैं जो कि हार्ट की बीमारी से ग्रसित हैं ऐसे में योग उन बीमारियों को दूर करने में भी मदद करता है. उन्होंने कहा कि योग के कारण दुनिया आज illness से wellness की तरफ बढ़ रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ योग करने के लिए न सिर्फ कॉलेज के विद्यार्थी अलग-अलग जगह से रात के 12 बजे से ही इंतज़ार में बैठे थे कि गेट खुले और वो अंदर जाए, बल्कि 6 साल की एक छोटी बच्ची भी इस इंतज़ार में थी कि मोदी अंकल के साथ योग कर सके, उसकी माने तो मोदी उसके नेता हैं और देश के लिए अच्छा ही कर रहे हैं.
अलग-अलग शहरों में पीएम मोदी मना चुके हैं योग दिवस
आपको बता दें कि ये चौथा योग दिवस है. इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलग-अलग शहरों में जाकर योग दिवस मनाया था. पीएम मोदी ने पहला योग दिवस दिल्ली में, दूसरा योग दिवस चंडीगढ़ में, तीसरा योग दिवस लखनऊ में मनाया था.
इन सभी आयोजनों में भी प्रधानमंत्री के साथ 50,000 से अधिक लोगों ने योग किया था. सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में 21 जून को योग दिवस मनाया जाएगा.
आपको बता दें कि अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में भी प्रधानमंत्री ने योग दिवस का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि अगर हम फिट रहेंगे, तो भारत फिट रहेगा." 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले उन्होंने कहा, "मैं सभी देशवासियों से अपील करता हूं कि वह अपनी योग की विरासत को अपनाएं और एक स्वस्थ, सुखद और सुव्यवस्थित राष्ट्र का निर्माण करें."
योग की महत्ता को UN ने भी माना
वह एक ऐतिहासिक क्षण था. 11 दिसंबर 2014 - यूनाइटेड नैशंस की आम सभा ने भारत द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए 21 जून को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' के रूप में घोषित कर दिया. इस प्रस्ताव का समर्थन 193 में से 175 देशों ने किया और बिना किसी वोटिंग के इसे स्वीकार कर लिया गया.
यूएन ने योग की महत्ता को स्वीकारते हुए माना कि योग मानव स्वास्थ्य व कल्याण की दिशा में एक संपूर्ण नजरिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 14 सिंतबर 2014 को पहली बार पेश किया गया यह प्रस्ताव तीन महीने से भी कम समय में यूएन की महासभा में पास हो गया.
90 दिनों के भीतर ही पास हो गया था योग दिवस का प्रस्ताव
भारतीय राजदूत अशोक मुखर्जी ने ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ का प्रस्ताव यूएन असेंबली में रखा था, जिसे दुनिया के 175 देशों ने भी सह-प्रस्तावित किया था. यूएन जनरल असेंबली में किसी भी प्रस्ताव को इतनी बड़ी संख्या में मिला समर्थन भी अपने आप में एक रिकॉर्ड बन गया. इससे पहले किसी भी प्रस्ताव को इतने बड़े पैमाने पर इतने देशों का समर्थन नहीं मिला था. और यह भी पहली बार हुआ था कि किसी देश ने यूएन असेंबली में कोई इस तरह की पहल सिर्फ 90 दिनों के भीतर पास हो गयी हो. यह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है.
21 जून को ही क्यों?
21 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बनाए जाने के पीछे वजह है कि इस दिन ग्रीष्म संक्रांति होती है. इस दिन सूर्य धरती की दृष्टि से उत्तर से दक्षिण की ओर चलना शुरू करता है. यानी सूर्य जो अब तक उत्तरी गोलार्ध के सामने था, अब दक्षिणी गोलार्ध की तरफ बढ़ना शुरू हो जाता है. योग के नजरिए से यह समय संक्रमण काल होता है, यानी रूपांतरण के लिए बेहतर समय होता है.