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इंटरपोल ने ED से पूछा, क्या ललित मोदी के खिलाफ केस प्रायोजित है?

आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इंटरपोल ने ईडी से जवाब तलब किया है. ईडी ने इंटरपोल से मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए कहा था. मोदी ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ ये मामला प्रायोजित है, जिसके बाद इंटरपोल ने ईडी से जवाब मांगा है.

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ललित मोदी मनी लॉन्ड्रिंग
ललित मोदी मनी लॉन्ड्रिंग

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इंटरपोल ने हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से पूछा है कि क्या आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी के खिलाफ दायर मनी लॉन्ड्रिंग का केस प्रायोजित था. मोदी पर 2009 में आईपीएल के टेलिकास्ट राइट्स से लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है.

जारी हो चुका है गैर जमानती वॉरंट
इस साल अगस्त में मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने ईडी की तरफ से दर्ज केस में मोदी के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी किया था. इसके बाद ईडी ने इंटरपोल से संपर्क करके मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए कहा था.

मोदी ने दी ये दलील
मोदी ने इंटरपोल
से कहा है कि उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी न किया जाए. ललित मोदी ने दलील दी है कि बोर्ड ऑफ कंट्रोल ऑफ क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) के अहम लोगों (एक मंत्री समेत) के साथ व्यक्तिगत मतभेदों के चलते उनके खिलाफ ये केस दायर किया गया है.

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इंटरपोल ने सीबीआई को ये सवाल भेजे हैं और कहा है कि मोदी के आरोपों पर ईडी से जवाब मांगा जाए. ईडी को कुछ दिनों के अंदर सीबीआई के जरिए ईडी को जवाब भेजना है क्योंकि इंटरपोल अगले हफ्ते मोदी की याचिका पर सुनवाई करेगा.

फीस के तौर पर मिले थे 125 करोड़
मोदी का कहना है
कि उनके कार्यकाल के दौरान टेलिकास्ट राइट्स के आवंटन का फैसला बीसीसीआई के अधिकारियों ने लिया था जबकि उनके साथ इसे लेकर सिर्फ एक बैठक की थी. मोदी ने उन आरोपों को भी खारिज किया है कि उन्हें इस डील से 125 करोड़ रुपये फीस के तौर पर मिले थे. ईडी को शक है कि रुपयों को पहले मॉरीशस और फिर सिंगापुर में मोदी या उनके सहयोगियों के अकाउंट में ट्रांसफर किया गया था.

ये चौथी बार है जब इंटरपोल ने इस मामले में ईडी से जानकारियां मांगी हैं. हालांकि सीबीआई जांच के दौरान केस से जुड़ी जानकारियां नहीं देता है, लेकिन पिछली बार इंटरपोल के सवालों के जवाब दिए गए थे क्योंकि जांच एजेंसी नहीं चाहती थी कि मोदी को ये कहने का मौका मिले कि उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है.

गौरतलब है कि 2010 में बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने चेन्नई पुलिस के पास धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था, जिसके बाद ईडी ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट(पीएमएलए) के तहत मामला दायर किया था. श्रीनिवासन ने मोदी और अन्य लोगों पर आरोप लगाया था कि 2009 में आईपीएल के मीडिया ब्रॉडकास्टिंग राइट्स के आवंटन के दौरान 425 करोड़ रुपये की हेरा-फेरी की गई. मोदी पर इस रकम में से 125 करोड़ लेने का आरोप है.

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रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के बाद इंटरपोल अपने सदस्य देशों में छुपे किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है.

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