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SC में अग्रिम जमानत के लिए दाखिल चिदंबरम की याचिका में मिली खामी

सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक, चिदंबरम की याचिका में कुछ खामी है. खामी ठीक होने तक इसे सूचीबद्ध नहीं किया जा सकता.

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पी. चिदंबरम की फाइल फोटो
पी. चिदंबरम की फाइल फोटो

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आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. चिदंबरम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई अग्रिम जमानत याचिका में खामी मिली है. सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक, चिदंबरम की याचिका में कुछ खामी है. खामी ठीक होने तक इसे सूचीबद्ध नहीं किया जा सकता. अब चिदंबरम के वकील इसे ठीक करने में जुट गए हैं.

इससे पहले जस्टिस एन.वी. रमन्ना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बुधवार को पी. चिदंबरम की अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए मामले को तत्काल सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के पास भेज दिया. सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला बहुत पुराना है.

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इस पर चिदंबरम के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि पूर्व मंत्री के आवास पर रात दो बजे एक नोटिस लगाया गया था. इस पर पीठ ने कहा, "मैं तत्काल सुनवाई के लिए यह फाइल चीफ जस्टिस के पास भेज रहा हूं." मंगलवार को चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशलय (ईडी) की टीमें पहले ही चिदंबरम के जोर बाग स्थित आवास पर डटी हुई हैं.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) यह जांच कर रहे हैं कि साल 2007 में जब पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे तो उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी कैसे मिल गई थी.(आईएएनएस से इनपुट)

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