दिल्ली हाईकोर्ट ने INX मीडिया केस में पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई एक अगस्त तक ले लिए टाल दी है. कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अगली सुनवाई यानी 1 अगस्त तक पी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर रोक भी बरकरार रहेगी.
सीबीआई की तरफ से अभी तक इस मामले में नोटिस का जवाब कोर्ट को नहीं दिया गया है. सीबीआई की तरफ से पेश हुए एएसजी तुषार मेहता ने कहा कि पी चिदंबरम का कस्टोडियल इंट्रोगेशन जरूरी है, और क्यों जरूरी है इनको लेकर वो मंगलवार शाम तक लिखित जवाब कोर्ट को दे देंगे. दरअसल, सीबीआई चिदंबरम को कोर्ट से गिरफ्तारी को लेकर मिली प्रोटेक्शन से खुश नहीं है.
बता दें कि इससे पहले पिछले महीने INX मीडिया केस में पी चिदंबरम को दिल्ली हाइकोर्ट ने 3 जुलाई तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. जस्टिस एके पाठक ने अपना आदेश सुनाते हुए कहा अगली सुनवाई यानी 3 जुलाई तक पी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी. लेकिन सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने साफ कर दिया कि पी चिदंबरम को सीबीआई की जांच जब-जब जरूरत होगी, जॉइन करना होगा. उसपर कोर्ट ने कोई रोक नहीं लगाई थी,और कोर्ट के इसी आदेश के बाद सीबीआई ने INX मीडिया केस में पूछताछ के लिए जब पी चिदंबरम को बुलाया तो चिदंबरम जांच में सहयोग के लिए सीबीआई की पूछताछ में शामिल हुए थे.
चिदंबरम को डर है कि उनके बेटे कार्ति चिदंबरम की तरह कहीं सीबीआई उन्हें भी गिरफ्तार ना कर ले. हालांकि अभी कोर्ट ने 1 अगस्त तक के लिए रोक लगा दी है. लेकिन यह रोक आगे भी जारी रहेगी या नहीं ये इस पर निर्भर करेगा कि सीबीआई कोर्ट को इस मामले से जुड़े कितने पुख्ता सबूत कोर्ट में पेश कर पाती है.
हालांकि पी चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी इस मामले में चिदंबरम की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं. लेकिन सीबीआई की तरफ से पेश एएसजी तुषार मेहता का कहना है कि कानून सबके लिए बराबर है, किसी के स्टेटस या हैसियत से तय नहीं होता कि जमानत मिलनी चाहिए या नहीं, जांच में सबका सहयोग करना जरूरी होता है.