पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम पर INX मीडिया केस में गिरफ्तार की तलवार लटक गई है. मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट से चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद मंगलवार शाम को सीबीआई की टीम उनके घर पहुंची लेकिन वह घर पर नहीं मिले. कांग्रेस नेता अब जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं जिसपर बुधवार को सुनवाई होनी है.
यह पूरा मामला आईएनएक्स मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड (FIPB) से गैर कानूनी तौर पर मंजूरी दिलवाने से जुड़ा है जिसमें मीडिया ग्रुप ने साल 2007 में करीब 305 करोड़ का विदेशी निवेश हासिल किया था. पी चिदंबरम उस दौरान यूपीए-2 सरकार में वित्त मंत्री थे. इस केस में 15 मई 2017 में सीबीआई ने FIPB मंजूरी में अनियमिताओं के चलते FIR दर्ज की थी. इसके बाद 2018 में ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया.
इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी जो कि 2007 में आईएनएक्स मीडिया के सह संस्थापक थे, दोनों पर इस पूरे घोटाले को अंजाम देने का आरोप है. कार्ति चिदंबरम पर भी इस साजिश में शामिल होने के आरोप हैं जिनके पिता उस दौरान देश के वित्त मंत्री थे.
साल 2018 में इंद्राणी मुखर्जी ने सीबीआई को अपने बयान में कहा कि उन्होंने इसके लिए कार्ति के साथ डील की थी. पिछले महीने ही दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अन्य मामले- शीना वोरा मर्डर केस की मुख्य आरोपी इंद्राणी को INX केस की अप्रूवर बना दिया था. पिछले साल फरवरी में कार्ति को इस मामले में गिरफ्तार भी किया गया और मार्च में उन्हें जमानत मिल गई. कार्ति और उनके पिता चिदंबरम से ED कई बार इस केस में पूछताछ कर चुकी है.
प्रवर्तन निदेशालय ने कार्ति चिदंबरम से जुड़ी 54 करोड़ की संपत्ति को भी अटैच किया है. साथ ही पीटर और इंद्राणी की संपत्तियां भी अटैच की गई हैं. आगे पढ़ें कि इस केस में अब तक क्या-क्या हुआ है.
केस में कब-कब क्या हुआ?
15 मई 2017: सीबीआई ने इस केस में FIR दर्ज की जिसमें INX मीडिया के लिए FIPB मंजूरी में अनियमिताओं का आरोप था. साल 2007 में 305 करोड़ का विदेशी फंड मीडिया ग्रुप को मिला जब कार्ति के पिता चिदंबरम वित्त मंत्री थे.
16 जून 2017: कार्ति के खिलाफ FRRO ने लुक आउट नोटिस जारी किया.
10 अगस्त 2017: मद्रास हाई कोर्ट ने कार्ति और 4 अन्य लोगों के खिलाफ जारी इस लुक आउट नोटिस पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि इनके खिलाफ अभी वारंट जारी नहीं हुआ है.
14 अगस्त 2017: सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए केंद्र को लुक आउट नोटिस जारी करने की मंजूरी दे दी.
18 अगस्त 2017: सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को 23 अगस्त तक सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दिया.
11 सितंबर 2017: सीबीआई ने जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट को बंद लिफाफे के भीतर विदेश में कार्ति के संभावित लेनदेन से जुड़ी जानकारी दी.
22 सितंबर 2017: सीबीआई ने कोर्ट से कार्ति को विदेश जाने से रोकने की गुहार लगाई क्योंकि एजेंसी को शक था कि वह विदेश में अपने बैंक खाते बंद करा सकते हैं.
09 अक्टूबर 2017: कार्ति ने कोर्ट से बेटी का दाखिला कैब्रिज यूनिवर्सिटी में कराने के लिए ब्रिटेन जाने की इजाजत मांगी और कहा कि वह इस दौरान किसी भी बैंक में नहीं जाएंगे. साथ ही पी चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी सरकार उनके और बेटे कार्ति के खिलाफ राजनीतिक मंशा और बदले की भावना से काम कर रही है.
20 नवंबर 2017: सुप्रीम कोर्ट ने बेटी के दाखिले के लिए कार्ति को ब्रिटेन जाने की इजाजत दे दी.
08 दिसंबर 2017: कार्ति ने एयरसेल-मैक्सिस डील में सीबीआई की ओर से जारी समन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
31 जनवरी 2018: सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति के खिलाफ लुक आउट नोटिस पर रोक लगाने वाले मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को वापस कर दिया.
16 फरवरी 2018: कार्ति के CA एस. भास्कर रमन को गलत तरीके से पैसे कमाने में उनकी मदद के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
28 फरवरी 2018: चेन्नई एयरपोर्ट से कार्ति को गिरफ्तार किया गया और फिर दिल्ली लाया गया. दिल्ली कोर्ट ने उन्हें एक दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया.
23 मार्च 2018: कार्ति को 23 दिन तक जेल में रहने के बाद जमानत मिल गई.
25 जुलाई 2018: हाई कोर्ट ने पी चिदंबरम की गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका को मंजूर कर लिया.
11 अक्टूबर 2018: INX मीडिया के मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने कार्ति की 54 करोड़ की संपत्ति अटैच कर ली, जिसमें भारत, ब्रिटेन और स्पेन की संपत्ति शामिल थी.
11 जुलाई 2019: इंद्राणी मुखर्जी को कोर्ट ने शर्तों के साथ केस का अप्रूवर बना दिया.
01 अगस्त 2019: ईडी ने कार्ति को दिल्ली के जोर बाग स्थित घर खाली करने को कहा, जिसे एजेंसी पहले ही अटैच कर चुकी थी.
20 अगस्त 2019: दिल्ली हाई कोर्ट ने पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी जिसके बाद सीबीआई उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची, लेकिन चिदंबरम अपने घर पर नहीं मिले और उनके फोन भी बंद पाए गए.