आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. चिदंबरम ने अपनी न्यायिक हिरासत और गिरफ्तारी दोनों को चुनौती दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट इस मामले पर 23 सितंबर को अब सुनवाई करेगा, फिलहाल तब तक पी चिदंबरम तिहाड़ में ही रहेंगे.
दिल्ली हाई कोर्ट में कपिल सिब्बल ने बहस की शुरुआत में ही कहा कि हमने न्यायिक हिरासत को चुनौती दी है. साथ ही रेगुलर बेल मांग रहे हैं. इस पर कोर्ट ने पूछा कि आखिर आप यहां क्यों आये हैं?
कपिल सिब्बल ने कहा कि फैक्ट को सुनकर आप ही न्याय कर सकते हैं. पहले रेगुलर बेल सुन सकते हैं. सीबीआई की तरफ से तुषार मेहता ने कहा कि ये मामला ऐसा नही है कि कोई क्लर्क पैसे ले रहा हो. ये उससे भी ज़्यादा गंभीर मामला है. फिर कपिल सिब्बल ने कहा कि हमारे मुताबिक ये मामला 420 का नहीं है.
तुषार मेहता ने दलील दी कि अभी चार्जशीट दायर करनी है. आरोपी भ्रष्टाचार में लिप्त है. याचिकाकर्ता ने अग्रिम जमानत की अर्ज़ी दायर की थी. लेकिन इनकी अग्रिम जमानत की अर्ज़ी खारिज कर दी गई. क्योंकि तब याचिकाकर्ता और आरोपी बड़े पद पर थे.
कपिल सिब्बल ने कहा कि 19 सितंबर तक चिदंबरम न्यायिक हिरासत में हैं. इस मामले को जल्दी से जल्दी सुन लेना चाहिए.
इस पर कोर्ट ने सिब्बल से सवाल पूछा कि जब आपने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को उसी दिन सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जिस दिन अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज किया गया था. तब आप न्यायिक हिरासत को चुनौती देने में पांच दिनों का समय क्यों लगा रहे हैं?
इस पर कपिल सिब्बल ने फौरन दलील दी कि आपसे अनुरोध है, इस मामले को आप जल्दी सुन लीजिए. उस दिन 5.30 बज गए थे और फिर छुट्टी थी. गंभीर मामला है इसलिए आप से अनुरोध कर रहे हैं. इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने चिदंबरम की जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया. सीबीआई 7 दिनों में जवाब दाखिल करेगी. यानी 23 सितंबर तक पी चिदंबरम फिलहाल तिहाड़ में ही रहेंगे.
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि दो या तीन दिन का अंतर कोई फर्क नहीं डालेगा. इस मामले की सुनवाई 23 को ही की जाए. इसकी सुनवाई अगले सप्ताह न की जाए. इससे पहले उन्होंने क्यों सामान्य बेल याचिका दाखिल नहीं की? हर कोई गिरफ्तारी के दौरान ही बेल याचिका क्यों दाखिल करना चाहता है.
इस पर टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि केवल बेल याचिका तब दाखिल की गई जब चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. वहीं कोर्ट से कपिल सिब्बल ने सवाल किया कि चिदंबरम को परिवार से मिलने दिया जाए साथ ही उन्हें घर का खाना भी दिया जाए. उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है.
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हम एक राज्य के तौर पर किसी से भेदभाव नहीं कर सकते. उन्हें विशेष सुविधाएं नहीं दी जा सकतीं. इसके जवाब में कपिल सिब्बल ने कहा कि वे दोषी नहीं हैं. वे केवल जांच के दायरे में हैं. उन्हें होम फूड की इजाजत देनी चाहिए.
आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तार पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने जमानत के लिए बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत के सीबीआई अदालत के आदेश को भी चुनौती दी है. इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है.
चिदंबरम फिलहाल न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन्होंने विशेष सीबीआई जज अजय कुमार कुहर की ओर से दिए गए न्यायिक हिरासत के आदेश को चुनौती दी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम को पिछले गुरुवार को अदालत में पेश किया गया था, जहां विशेष सीबीआई जज कुहर ने उन्हें 14 दिनों की हिरासत में भेज दिया था.
अदालत ने चिदंबरम की ओर से दायर किए गए आवेदनों को भी स्वीकार कर लिया था. इनमें जेड-श्रेणी की सुरक्षा के साथ एक खाट, बाथरूम के साथ एक अलग सेल और दवाओं की अनुमति मांगी गई थी. उन्होंने जेल में पश्चिमी शैली के शौचालय (इंग्लिश टॉयलेट) की भी मांग की थी.
चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में समर्पण करने की अनुमति के लिए अदालत में एक और आवेदन दिया था.